सरोज पांडेय ने तीन तलाक को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री पर साधा निशाना, कहा- शाहबानो कोर्ट से जीत गई, लेकिन सरकार से हार गई | saroj pandey in rajya sabha latest speech, saroj panday target Ex PM Rajiv Gandhi on triple talaq

सरोज पांडेय ने तीन तलाक को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री पर साधा निशाना, कहा- शाहबानो कोर्ट से जीत गई, लेकिन सरकार से हार गई

सरोज पांडेय ने तीन तलाक को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री पर साधा निशाना, कहा- शाहबानो कोर्ट से जीत गई, लेकिन सरकार से हार गई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:42 PM IST, Published Date : July 30, 2019/11:38 am IST

रायपुर: राज्यसभा में आज तीन तलाक़ बिल पेश किया गया। बिल पर चर्चा के लिए चार घंटे का समय तय किया गया है। बिल को लेकर बीजेपी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है। राज्यसभा में बिल को पास कराने के लिए मोदी सरकार की राह थोड़ी आसान होती दिख रही है। यह जदयू और एआईएडीएमके के वॉकआउट के बाद संभव हो पाया है। जदयू और एआईएडीएमके के सदन से वॉकआउट के बाद राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 213 रह गई। ऐसे में अब बहुमत के लिए 109 वोट चाहिएं। ज्ञात हो कि पहले विपक्ष के विरोध के बावजूद लोकसभा में ये बिल आसानी से पास हो गया था।

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सदन में चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ से राज्य सभा सांसद सरोज पांडेय ने सदन को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि आप उस तरफ बैठने के लिए इसलिए भी मजबूर हो क्योंकि आप लोगों ने 7 साल में केवल और केवल वोट के लिए तुष्टिकरण की राजनीति की है और महिलाओं के भावनाओं के साथ खेला है। इस दौरान उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि कत्ल केवल वो नहीं होता जो खंजर से किया जाए, जख्म केवल वो नहीं होता जो जिस्म के लहु बहाए। कातिल वो भी होता है जो लफ्जों के तीर चलाए। जख्म वो भी होते हैं जो रूह का नासूर बन जाए।

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जो तीन शब्द एक हसती खेलती खवातीन को पल भर में एक जिंदा लाश में तब्दील कर दे वो यकिनन सजा का हकदार है। टिपल तलाक के लिए आज कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहती हूं कि उन्होंने महिलाओं की पीड़ा को समझते हुए यह प्रस्ताव लाया। उन्होंने ट्रिपल तलाक बिल लाकर स्वाभीमानपूर्ण और स्वाभिमानता की एक नए युग की शुरूआत की है।

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माननीय सभापति महोदय उस दिन को याद करिए जब 23 अप्रैल 1985 सुप्रीम कोर्ट ने शाहबानों के पक्ष में अपना फैयला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शाहबानों सहित देश की तमाम महिलाओं को ये विश्वास था कि तत्कालिन सरकार उनके साथ खड़ी होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। परंतु इतिहास की त्रासदी कहिए, उस समय के प्रगतीशील ओर पिछड़ों के सरकार माने जाने वाले प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने महिलाओं का साथ ही नहीं दिया और राजनैतिक लाभ के लिए जो शाहबानों सुप्रीम कोर्ट से जीत गई वो सरकार से हार गई।

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आज जब सदन में ट्रिपल तलाक का बिल पेश किया गया है तो इस पर मुझे आज देखकर अफसोस हो रहा है। यहां पर लोगों ने इस बिल को मजाक के तौर पर लिया है। हम मजाक की वस्तु हैं। अरे जाकर उस महिला से पूछिए जो तीन तलाक के बाद सड़कों पर आ जाती है। हालाला के लिए तिल तिलकर मरती है। वापस अपने पति के पास जाती है, ये तीन तलाक के बाद का हलाला होता है उन महिलाओं को जाकर उनका दर्द पूछिए। मुझे लगता है जो तीन तलाक का समर्थन करते हैं वो सब महिला विरोधी हैं। आपने महिला विरोधी होने का प्रमाण इस सदन में दिया है।

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वीडियो में सुने सरोज पांडेय का पूरा भाषण