नई दिल्ली। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के दौरान बुधवार को संत बाबा राम सिंह ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली। घटना करनाल में बॉर्डर के पास हुई है। कहा जा रहा है कि संत बाबा राम सिंह किसानों पर सरकार के रवैये से आहत थे। संत बाबा राम सिंह के पास से सुसाइड नोट भी मिला है। वे पिछले काफी दिनों से दिल्ली के पास हो रहे आंदोलन में शामिल थे। उन्होंने एक शिविर की भी व्यवस्था की थी और कंबल भी बांटे थे।
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करनाल के संत बाबा राम सिंह जी ने कुंडली बॉर्डर पर किसानों की दुर्दशा देखकर आत्महत्या कर ली। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएँ और श्रद्धांजलि।
कई किसान अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं। मोदी सरकार की क्रूरता हर हद पार कर चुकी है।
ज़िद छोड़ो और तुरंत कृषि विरोधी क़ानून वापस लो! pic.twitter.com/rolS2DWNr1
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 16, 2020
सुसाइड नोट में बाबा राम सिंह ने लिखा है कि वे किसानों की हालत नहीं देख सकते हैं। उन्होंने लिखा कि केंद्र सरकार विरोध को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रही है, इसलिए वे किसानों, बच्चों और महिलाओं को लेकर चिंतित हैं। सुसाइड नोट में बाबा राम सिंह ने लिखा है कि उनसे किसानों का दुख देखा नहीं जा रहा है। उन्होंने लिखा, ”अपने हक के लिए सड़कों पर किसानों को देखकर बहुत दिल दुख रहा है। सरकार न्याय नहीं दे रही है। जुल्म है। जुल्म करना पाप है। जुल्म सहना भी पाप है।”
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राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया है कि करनाल के संत बाबा राम सिंह जी ने कुंडली बॉर्डर पर किसानों की दुर्दशा देखकर आत्महत्या कर ली। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं और श्रद्धांजलि। कांग्रेस सांसद ने आगे लिखा कि कई किसान अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं। मोदी सरकार क्रूरता की हर हद पार कर चुकी है, जिद छोड़ो और तुरंत कृषि विरोधी कानून वापस लो।
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गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों के संगठन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इनमें अधिकतर किसान पंजाब और हरियाणा के हैं। प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।