भिलाई: छत्तीसगढ़ की ट्वीनसिटी भिलाई से बड़ी खबर सामने आई है। रॉयल बंगाल टाइगर ‘सतपुड़ा’ का बुधवार रात निधन हो गया। बताया जा रहा है कि बंगाल टाइगर सतपुड़ा दो साल से कैसर से पीड़ित था और कैंसर के चलते सतपुड़ा के पूरे शरीर में वायरस फैल गया था, जिसके चलते उसका निधन हो गया। शुक्रवार को पीएम के बाद सतपुड़ा का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार मैत्री गार्डन की शोभा बढ़ाने वाले बंगाल टाइगर सतपुड़ा ने बुधवार रात दुनिया का अलविदा कह दिया। सतपुड़ा पिछले दो साल से कैंसर से पीड़ित था। मैत्री गार्डन प्रबंधन और वन विभाग की टीम लगातार उसका इलाज कर रही थी। लेकिन कैंसर के किटाणु लगातार बंगाल टाइगर के शरीर को खोखला कर रहे थे।
सतपुड़ा की मौत के बाद मैत्रीबाग में बंगाल टाइगर की संख्या 3 से घटकर 2 हो गई है। अब मैत्री गार्डन में सिर्फ वसुंधरा (बाघिन) और नंदी (बाघ) रह गए है।
मैत्री गार्डन प्रबंधन ने बताया कि 1976 में नवजात शावकों को मैत्रीबाग के तात्कालीन इंचार्ज आरए वर्मा भोपाल से भिलाई लेकर आए थे। इसके बाद उसके जोड़े बाघिन पार्वती (पारो) को भुवनेश्वर के नंदन कानन से 1984 में लेकर आए थे। इनकी संतान लक्ष्मी और गणेश थे। जिनसे नर्मदा और तसपुड़ा का जन्म हुआ।
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