रायपुर: बीते एक हफ्ते से छत्तीसगढ़ की सियासत टूलकिट मुद्दे में गरमाई हुई है। बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। कांग्रेस ने पहले पूर्व सीएम रमन सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ FIR दर्ज कराया, तो विरोध में बीजेपी नेता पहले अपने घरों के सामने धरना दिया। फिर प्रदेश के सभी जिलों में जेल भरो आंदोलन के तहत थानों में गिरफ्तारी देने पहुंचे। दूसरी ओर कांग्रेस ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर जवाबी हमला बोला। ऐसे में सवाल यही है कि टूलकिट मुद्दे के बहाने बीजेपी राज्य सरकार को घेरना चाहती है? सवाल ये भी आखिर टूलकिट पर कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ?
बीजेपी नेताओं ने टूलकिट मामले में पूर्व सीएम रमन सिंह पर FIR के विरोध में जेल भरो आंदोलन के तहत गिरफ्तारी दी। राजधानी रायुपर में पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने नेतृत्व में 5 नेता सिविल लाइन थाने पहुंचे, तो वहीं दुर्ग में सांसद सरोज पांडेय ने सिटी कोतवाली के बाहर धरना दिया। इसके अलावा, बिलासपुर, महासमुंद, कोरबा और जशपुर सहित लगगभ सभी जिलों में बीजेपी नेता गिरफ्तारी देने थाने पहुंचे। बीजेपी नेताओँ ने कांग्रेस पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वो टूलकिट के माध्यम से देश और पीएम मोदी को बदनाम करना चाहती है।
गिरफ्तारी देने पहुंचे बीजेपी नेताओं को पुलिस ने ये कहा कि उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है, इसलिए गिरफ्तार नहीं कर सकते। लेकिन बीजेपी नेता थाने के सामने शाम 5 बजे तक गिरफ्तारी देने बैठे रहे। बीजेपी के जेल भरो आंदोलन पर कांग्रेस भी कहां चुप बैठने वाली थी। राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जवाबी हमला किया कि बीजेपी ने खुद टूल किट बनाई और कांग्रेस का नाम लिया। उन्होंने कहा कि रमन सिंह से ट्वीट संबंधी डॉक्यूमेंट मांगा जाए, नहीं देने की स्थिति पर पुलिस तत्काल गिरफ्तार करे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इससे पहले भी बीजेपी कई मौकों पर टूलकिट बनाकर कांग्रेस को बदनाम कर चुकी है।
जाहिर है टूलकिट मुद्दे पर एक दिन पहले भी बीजेपी नेताओं ने अपने-अपने घरों पर धरना देकर रमन सिंह पर FIR का विरोध जता चुके हैं। पूरे प्रकरण को लेकर छत्तीसगढ़ की सियासत में जो तूफान मचा है, उससे कई सवाल उठ रहे हैं। क्या टूलकिट मुद्दे के बहाने राज्य सरकार को घेरने की कोशिश है। क्या जेल भरो अभियान के जरिए ताकत दिखाना चाहती है बीजेपी? क्या राज्य सरकार पर पलटवार का संदेशा दिल्ली से आया है? सवाल ये भी कि क्या डी पुरंदेश्वरी की सख्ती के बाद एकजुटता दिखा रहे हैं पार्टी के नेता? सबसे बड़ा सवाल ये कि आखिर टूलकिट मुद्दे पर कौन सच्चा है और कौन झूठा? बहरहाल छत्तीसगढ़ की सियासत में टूलकिट के मुद्दे पर शुरू हुए दंगल में बीजेपी और कांग्रेस दोनों तरफ से अभी कई दांव चले जाएंगे, ये तो तय है।