राइट टू वाटर : जल भंडारों को किया प्रदूषित तो हो सकती है डेढ़ साल की जेल, प्रदेश में राज्य जल प्रबंधन प्राधिकरण का होगा गठन | Right to water: Water reservoirs may be polluted if they are imprisoned for one and a half years State Water Management Authority will be formed in the state

राइट टू वाटर : जल भंडारों को किया प्रदूषित तो हो सकती है डेढ़ साल की जेल, प्रदेश में राज्य जल प्रबंधन प्राधिकरण का होगा गठन

राइट टू वाटर : जल भंडारों को किया प्रदूषित तो हो सकती है डेढ़ साल की जेल, प्रदेश में राज्य जल प्रबंधन प्राधिकरण का होगा गठन

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:53 PM IST
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Published Date: February 17, 2020 6:33 am IST

भोपाल । मध्यप्रदेश में प्रस्तावित राइट टू वाटर यानि कंजर्वेशन एंड सस्टेनेबल यूज एक्ट के बनने के बाद नदी-तालाब, कुएं, बावड़ी के पानी को प्रदूषित करने वालों को जेल ही हवा भी खानी पड़ सकती है। प्रस्तावित कानून के ड्राफ्ट में सार्वजनिक जलस्रोत को दूषित करने पर 18 महीने की जेल और 1 लाख रु. जुर्माने तक की सजा का प्रावधान रखा गया है।

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पेयजल आपूर्ति करने वाली संस्थाओं नगर निगम या ग्राम पंचायत के स्वच्छ पेयजल के निर्धारित मानकों को पूरा नहीं कर पाने पर 5 हजार रुपए की पेनल्टी हर बार चुकानी पड़ेगी। इसी तरह घरों में वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट नहीं लगाने वालों पर 5 हजार रुपए पेनल्टी का प्रावधान रखा गया है।

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राइट टू वाटर एक्ट के ड्राफ्ट के मुताबिक पानी के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में राज्य जल प्रबंधन प्राधिकरण SWMA का गठन किया जाएगा। पानी से जुड़ी शिकायतों के तत्काल हल के लिए शहरी क्षेत्रों में हर नगरीय निकाय में एक जल शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त होंगे। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में ब्लॉक स्तर पर एक जल शिकायत निवारण अधिकारी होगा।