बिलासपुर, पेंड्रा। भ्रष्टाचार करने वाले आज ऐसे शिक्षकों पर कलेक्टर की गाज गिरी है जो कोरोना संक्रमण काल में मासूम बच्चों की खुराक पर भी डाका डालने से गुरेज नहीं किया। दरअसल गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने कोरोना संक्रमण के लाॅकडाउन के दौरान गांवों की स्थिति का जायजा लेने के लिए आखिरी छोर तक के गांव पहुंची।
Read More News: प्रदेश में 50 SI को प्रमोट कर बनाया गया इंस्पेक्टर, DGP ने जारी किए आदेश..देखिए सूची
तो कोरिया जिले की सीमा से लगने वाले उशाढ़ गांव में उन्होंने राशन दुकानों का निरीक्षण किया। वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश दिया। इसके बाद यहां बालक और कन्या माध्यमिक शालाओं के बच्चों को दिए जाने वाले 40 दिनों का मध्यान्ह भोजन की जानकारी ली। इस दौरन पता चला कि यहां के प्रधानपाठकों द्वारा कोरोना प्रभावित अवधि में निर्धारित मात्रा से भी कम चावल दिया जा रहा था।
Read More News: राजधानी रायपुर में ट्रैफिक सिग्नल चालू होने के बाद चरमराई सोशल डिस्टेंस की व्यवस्था, चौक-चौ
कलेक्टर को मात्रा कम होने की आशंका हुई तो डीईओ से इसे अपने सामने तौलवाया तो मात्रा काफी कम मिली जिसके बाद नाराज कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने दोनों स्कूल के प्रधानपाठकों लखन लाल और सुषील राय को तत्काल निलंबित कर दिया वहीं इस मामले में मरवाही बीईओ रामसिंह परस्ते को कारण बतलाओ नोटिस जारी किया है।
Read More News:कोरोना के जंग में रूस की चीन ने किया मदद, मेडिकल मास्क, प्रोटेक्टिव सीट सहित कई…