रतलाम । जिले में कोरोना पॉजिटिव की मौत का मामला गरमाने के बाद पुलिस ने 28 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है । दरअसल 4 अप्रैल को इंदौर के एमवाय अस्पताल में एक मरीज को भर्ती किया गया था, जहा जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया । अस्पताल के डॉक्टर को शक था कि मरीज कोविड- 19 से पीड़ित हो सकता है ।
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मौत से पहले ही डॉक्टरों ने मरीज का सैंपल लिया था, जिसे जांच के लिए लैब भेजा था । रिपोर्ट आने के पहले मरीज की मौत हो गई, परिवार वाले इंदौर के जिला प्रशासन की आखों में धूल झोंक कर बॉडी रतलाम ले आए। परिजनों ने रतलाम जिला प्रशासन को गुमराह करके मृतक के शरीर को दफना भी दिया । बाद में मृतक की कोरोना वायरस की पॉजिटिव रिपोर्ट आने जिले में हडकंप मच गया । आनन फानन में पुलिस ने पूरे परिवार सहित 12 सदस्यों को आइसोलेशन में रखा है।
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प्रशासन ने जनाजे में शामिल 28 लोगों व उनके परिवार वालों को शहर के अलग-अलग जगहों पर क्वारंटाइन किया है। बता दें कि मृतक पिछले 1 वर्ष से इंदौर में रह रहा था, मृतक रतलाम निवासी होने के कारण शरीर को यहां लाकर दफनाया गया । एसपी गौरव तिवारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जनाजे में शामिल व इंदौर से गोपनीय तरीके से शव लाने के मामले में विभिन्न लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया, जिसके पश्चात 28 लोगों पर FIR दर्ज की गई है ।
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पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस जनाजे में शामिल लोगों कि पड़ताल में जुट गई है। इंदौर शहर बीते कई दिनों से लॉडाउन मोड में है । तमाम रास्ते जिला प्रशासन ने सील कर रखे है । ऐसे सवाल उठता है, परिवार किस तरीके से 130 किलोमीटर की दूरी तय करके शव रतलाम ले आया और उसे दफना दिया । प्रशासन ने मृतक के घर के तमाम रास्तों को बेरिकेड लगाकर सील कर दिया है ।