इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में एक महीने से चल रहा संकट ख़त्म हो गया है। डॉ रेणु जैन इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति बनाई गई है। लेकिन 11 दिन से अनशन पर बैठे अजय चूड़िया के आमरण अनशन अब भी जारी है और कुलपति की जोइनिंग के बाद ही अनशन समाप्त करेगें।
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दरअसल गुरुवार को कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं। इससे डीएवीवी में पिछले एक माह से चला आ रहा संकट समाप्त हो गया है। अब तक रेणु जैन ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी के कॉमर्स विभाग के एचओडी पद पर कार्यरत थी। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सीईटी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर धारा-52 का प्रयोग करते हुए 24 जून 2019 को कुलपति प्रो. नरेंद्र धाकड़ को हटा दिया था, तब से अब तक न तो प्रभारी कुलपति की नियुक्ति हो सकी और न स्थाई कुलपति नियुक्ति हो पाया था।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय परिसर में 11 दिनों से अनशन पर बैठे पूर्व कार्य परिषद सदस्य अजय चौड़िया ने जल भी त्याग दिया है और अब कुलपति की नियुक्ति के बाद ही अनशन तोड़ेंगे। हालांकि राजभवन द्वारा लगातार नियुक्ति में लेटलतीफी होने के कारण उनका स्वास्थ्य चिंताजनक बना हुआ है। सीईटी के 17 हज़ार छात्रों के अटके पड़े एडमिशन के साथ ही विश्विद्यालय की 4200 से ज्यादा फाइलें ठप पड़ी हैं। कर्मचारियों का वेतन,विजिटिंग फैकल्टी की नियुक्ति तक ठप है। डॉक्टर रेणु जैन शुक्रवार को विश्वविद्यालय में पदभार ग्रहण करेंगी।
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