सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को राहत, बरकारार रखी मदरसा सेवा आयोग कानून की संवैधानिक वैधता | Relief of Mamta govt from SC, constitutional validity of Madrasa Seva Commission Act

सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को राहत, बरकारार रखी मदरसा सेवा आयोग कानून की संवैधानिक वैधता

सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को राहत, बरकारार रखी मदरसा सेवा आयोग कानून की संवैधानिक वैधता

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:24 PM IST
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Published Date: January 6, 2020 9:50 am IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा सेवा आयोग कानून की संवैधानिक वैधता पर सुनवाई की। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को राहत देते हुए मदरसा सेवा आयोग कानून, 2008 की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। इसके साथ ही राज्य के मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया है।

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न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें इस कानून को असंवैधानिक करार दिया गया था। पीठ ने कहा कि मदरसा प्रबंध समिति की ओर से अब तक की गई नियुक्तियां व्यापक हितों को देखते हुए वैध रहेंगी।

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शीर्ष अदालत ने कहा कि जो सरकारें या संगठन अल्पसंख्यक संस्थानों की सहायता करते हैं, उनके पास अब यह अधिकार होगा कि वे न केवल भावी शिक्षकों की सिफारिश कर सकेंगे बल्कि उन्हें सीधे नियुक्त भी कर पाएंगे।

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बता दें कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए अधिनियम को असंवैधानिक करार दिया था कि यह अनुच्छेद 30 का उल्लंघन है। जिसमें कहा गया है कि सभी अल्पसंख्यकों को अपनी पसंद के शिक्षण संस्थानों की स्थापना और प्रशासन का अधिकार होगा।

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