रायपुर । छत्तीसगढ़ बनने के बाद आदिवासी पहचान के साथ उसके पहले मुख्यमंत्री बने अजीत जोगी के परिवार की जातीय स्थिति को लेकर बड़ा फैसला आया है। जाति प्रमाण के मामले में पूर्व विधायक अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी को बड़ा झटका लगा है। उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने ऋचा जोगी को गोंड आदिवासी नहीं माना है।
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प्रमाणपत्रों की जांच के लिए बनी उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने लंबी जांच और सुनवाई के बाद अजीत जोगी की बहू ऋचा जोगी को जाति प्रमाणपत्र निरस्त करने के एसडीएम के फैसले को सही ठहराया है।
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आदिवासी विकास विभाग के सचिव डीडी सिंह की अध्यक्षता में बनी उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने ऋचा जोगी के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसके मुताबिक उन्होंने अपने पूर्वजों को गोंड जनजाति का बताया था। छानबीन समिति का निष्कर्ष है कि ऋचा जोगी अपने पुरखों के गोंड जनजाति का होने का दावा प्रमाणित नहीं कर पाईं। ऐसे में 27 जुलाई 2020 को मुंगेली से जारी उनका जाति प्रमाणपत्र निरस्त किया जाता है।
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23 जून को जारी हुआ आदेश अब सार्वजनिक हुआ
यह आदेश 23 जून 2021 को जारी हुआ है जिसे अब सार्वजनिक किया गया है। 19 पेज के इस आदेश में कमेटी ने ऋचा जोगी के 2020 में बने गोंड जाति के प्रमाण पत्र को निरस्त करने का आदेश दिया है। साथ ही इस मामले में मुंगेली कलेक्टर को कार्रवाई का निर्देश दिए हैं।
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