पुत्रदा पेड़ से संतान प्राप्ति! लोगों की आस्था के बीच काफी चर्चा में है ये दरख्त | Receive children from Putrada tree! People have deep faith

पुत्रदा पेड़ से संतान प्राप्ति! लोगों की आस्था के बीच काफी चर्चा में है ये दरख्त

पुत्रदा पेड़ से संतान प्राप्ति! लोगों की आस्था के बीच काफी चर्चा में है ये दरख्त

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:13 PM IST
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Published Date: April 3, 2021 5:26 am IST

पेंड्रा, छत्तीसगढ़। पेंड्रा में दुर्लभ और आयुर्वेद औषधियुक्त पुत्रदा पेड़ की काफी चर्चा है। यहां के स्थानीय लोगों की इस पेड़ पर गहरी आस्था है। लोगों का मानना है कि इस पेड़ के बीज के सेवन से संतान प्राप्ति होती है। चैत्र के महीने में अब एक बार फिर पुत्रदा पेड़ में फूल खिल आये हैं।

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आयुर्वेद ने मानव जीवन को सुखी और स्वस्थ रखने के लिए लगभग हर मर्ज के लिए जड़ी बूटियां दी है। चाहे पुरुषों का स्वास्थ हो या महिलाओं का। आज हम महिलाओं के लिए एक ऐसी जड़ी के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो उन महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई है।

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हम बात करने जा रहे है पुत्रदा या पुत्रजीवक के बारे में जो पेंड्रा के राजमहल के प्रांगण में काली मंदिर के सामने स्थित है। पुत्रजीवक आयुर्वेद की एक जानी मानी प्रभावी औषधि है और इसे हजारों वर्षों से बच्चे को पाने के लिए बहुत ही अच्छी औषधि माना गया है। क्योंकि यह सन्तानहीनों को संतान देने में मदद करता है इसलिए इसे पुत्रजीवक का नाम दिया गया है।

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वैसे तो पुत्रदा का पेड़ पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। इसका पेड़ हमेशा हरा और तने पर फीके रंग की छाल होती है। पत्ते के किनारे कटे से होते हैं और इनका रंग गहरा होता है। इसके फूल पीले हरे रंग के और गुच्छों में होते हैं। इसके फल गोल और तीखे नोक वाले होते हैं। संतान प्राप्ति के लिए पुत्रजीवक बीज की गिरी को दूध के साथ मासिक के दिनों में लिया जाता है।

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इसके अलावा पुत्रदा पेड़ की छाल, बेल की जड़ और मालकांगणी की जड़ को पानी में पीस कर दिन में एक बार, 2-3 सप्ताह तक लेने से गर्भावस्था के दौरान असामान्य रक्तस्राव रुक जाता है और गर्भधारण में सफलता हासिल होती है। पेंड्रा क्षेत्र वैसे भी औशधीय जड़ी-बूटियों के लिये जाना जाता है। इस बार चैत्र महीने की शुरुआत में ही पुत्रदा में खिले फूल कई जरूरतमंदों के लिए शुभ संकेत हैं।