नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक के बाद केंद्रीय बैंक शुक्रवार को मौद्रिक नीति समीक्षा के नतीजे की घोषणा करेगा। उम्मीद की जा रही है कि मुद्रास्फीति के नियंत्रण में रहने और आर्थिक वृद्धि पर दबाव को देखते हुए रिजर्व बैंक रेपो दर में एक और कटौती कर सकता है।
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रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास पहले ही संकेत दे चुके हैं कि मुद्रास्फीति के अनुकूल दायरे में रहने से नीतिगत दर में नरमी की और गुंजाइश बनती है। अगस्त में की गई 0.35 प्रतिशत कटौती के बाद रेपो दर इस समय 5.40 प्रतिशत है। MPC की छह सदस्यीय समिति की तीन दिन की बैठक एक अक्टूबर को शुरू हुई थी। दो अक्टूबर को गांधी जयंती का अवकाश रहा। बृहस्पतिवार को दूसरे दिन की बैठक हुई। बैठक के नतीजों की घोषणा शुक्रवार को की जाएगी।
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रिजर्व बैंक इस साल लगातार चार बार में रेपो दर में 1.10 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। अगस्त की मौद्रिक नीति बैठक में एमपीसी ने रेपो दर को 0.35 प्रतिशत घटाकर 5.40 प्रतिशत कर दिया। एक और खास बात यह है कि एमपीसी की बैठक ऐसे समय हो रही है जबकि रिजर्व बैंक ने बैंकों से एक अक्टूबर से अपने सभी कर्ज को बाहरी मानक मसलन रेपो दर से जोड़ने को कहा है।
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उल्लेखनीय है कि सरकार ने सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए हाल में कई कदम उठाए हैं। कॉरपोरेट कर की दर में बड़ी कटौती की गई है, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर लगाया गया बढ़ा अधिभार वापस ले लिया गया। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर पांच प्रतिशत पर आ गई है जो इसका छह साल का निचला स्तर है।
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