भोपाल। जिस वक्त दुनिया 21 सदी में एक दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ में जुटी है.. हिंदुस्तान के कुछ इलाकों से आई तस्वीरें बताती है हम आज भी दुनिया से सालों पीछे है…दरअसल सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद राम मंदिर निर्माण जोरों पर है और उसी सिलसिले में हर गांव,कस्बे, शहर में रैलियां निकाली जा रही है..और अब इन रैलियों पर पथराव की तस्वीरें भी आने लगी है …सवाल ये है कि जरुरत ऐसी घटनाओं को रोकने की है या सियासत करने की है…..सवाल ये भी कि आखिर क्यों इन मुद्दों को सियासी रंग दे दिया जाता…क्यों नेता संयमित न रह कर बयानबाजी में जुट जाते हैं?
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शुक्रवार शाम को उज्जैन के भारत माता मंदिर पहुंच रहे भारतीय जनता युवा मोर्चे के कार्यकर्ताओं पर पथराव किया गया…तस्वीरों में साफ तौर पर देख सकते हैं कि महिलाएं घर की छत से पत्थर फेंक रही है..। वहीं इंदौर के पास गौतमपुरा के चांदनखेड़ी में हिंदू समाज की रैली पर पथराव किया गया…इन घटनाओं के बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते उज्जैन में जिस घर से पत्थर फेंके गए तो उसे तोड़ दिया जबकि चांदनखेड़ी के उस इलाके से भी अतिक्रमण हटाया गया जहां पथराव हुआ था…इस मुद्दे पर अब सियासत भी शुरु हो चुकी है दिग्विजय सिंह ने इन घटनाओं के जरिए विधानसभा और संसद नहीं करने लेकर केंद्र और राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया है ।
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उन्होंने कहा भगवान राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा उगाने के लिए जुलूस निकाले जा सकते दंगा भड़काने वाले नारे लगाए जा सकते हैं भाजपा की बैठकें हो सकती हैं , विधानसभा चुनाव हो सकते हैं अमित शाह जी की चुनावी रैलीयॉं सभाएँ हो सकती हैं। फिर विधानसभा व संसद की बैठकें क्यों नहीं हो सकती ?
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इस मामले पर सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है इस तरह के मामले में कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। इसी प्रकार मंदसौर के डोराना का हाल है जहां मंगलवार को राम मंदिर निर्माण जनजागरण यात्रा के लिए निकाली जा रही बाइक रैली के दौरान जमकर विवाद हुआ…जाहिर है लगातार सामने आ रहे वीडियो से कुछ सवाल तो खड़े होते ही है। आखिर प्रदेश का माहौल कौन बिगाड़ना चाहता है…क्या पुलिस का खुफिया तंत्र फेल हो चुका है … यदि पुलिस के पास इनपुट है तो ज्यादा पुलिस बल क्यों नहीं लगाया जा रहा ….क्या माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ अतिक्रमण की कार्रवाई काफी है…क्यों समाज के सभी वर्गों को एक साथ बैठाकर माहौल को नियंत्रण में रखने का प्रयास किया गया। वैसे राजनीति का आप कुछ नहीं कर सकते हैं…बीजेपी सख्ती की बात करती है तो कांग्रेस अपने नेताओं की पैरवी करते नजर आते हैं।
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अगले कुछ महीने तक हर शहर गांव कस्बे में राम मंदिर को लेकर रैलियां निकाली जाएगी…विश्व हिंदू परिषद पहले ही चार लाख गांवों के 11 करोड़ परिवारों से संपर्क करने की घोषणा कर चुका है….ऐसे में जरुरी है कि प्रशासन पहले से ही इंतजाम पुख्ता रखे ताकि जो तस्वीरें आपने देखी वैसी और नजर नहीं आए।