रायपुर। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मार्क करते हुए ट्वीट किया है। तन्खा ने लिखा कि भूपेश जी आप ने पुलिस तंत्र को सेडक्शन चार्ज हटाने का आदेश देकर सही निर्देश दियाहै। आप तो खुद गलत केस के शिकार थे । भाजपा शासन के दौरानआप पर गलत केस लगाया गया था। अब 1 और अच्छा मैसेज देकर उस व्यक्ति को रिहा करवा दीजिए, यदि अगर वो आज भी अरेस्टेड है, जिस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 505 के तहत कार्रवाई की गई है। तन्खा ने लिखा कि IPC की धारा 505 भी अट्रेक्टेड नहीं है।
भूपेश जी आप ने police तंत्र को sedition charge हटाने का आदेश देकर सही निर्देश दिया। आप तो ख़ुद false केसेज़ के शिकार थे भाजपा शासन के दौरान। अब १ और अच्छा मेसिज देकर उस व्यक्ति को रिहा करवा दीजिए – 505 IPC भी नहीं attracted – अगर वो आज भी अरेस्टेड है। @bhupeshbaghel pic.twitter.com/JH8bMzcqVd
— Vivek Tankha (@VTankha) June 15, 2019
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बता दें कि छत्तीसगढ़ में सोशल मीडिया पर बिजली कटौती से जुड़ी अफवाह फैलाने के आरोप में पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया था। राजनांदगांव जिले के मुसरा डोंगरगढ़ निवासी मांगेलाल अग्रवाल को बिजली कटौती की अफवाह फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह का मामला) और धारा 505/1/2 (सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार) के तहत कार्रवाई की गई थी।
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जानकारी के मुताबिक वायरल वीडियो में मांगेलाल नाम का व्यक्ति आरोप लगा रहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार की एक इनवर्टर कंपनी के साथ सेटिंग है। इसके लिए इनवर्टर कंपनी ने राज्य सरकार को पैसा दिया है। कंपनी और सरकार के बीच हुए समझौते के मुताबिक 2 घंटे में 10 से 15 मिनट के लिए बिजली की कटौती होती रहेगी तो इनवर्टर की बिक्री बढ़ेगी। वीडियो वायरल होने के बाद आरोपी मांगेलाल को गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं बिजली कंपनी ने सफाई देते हुए कहा कि आंधी-तूफान और तकनीकी कारणों से कभी-कभी बिजली की सप्लाई रुकती है, जिसे बिजली कटौती का नाम देकर सरकार और बिजली कंपनी की मिलीभगत बताकर जनता को गुमराह किया जा रहा है।
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छत्तीसगढ़ में बिजली कटौती की अफवाह फैलाने वाले मांगेलाल अग्रवाल के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज कर गिरफ्तारी होने के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने नाराजगी जाहिर की थी । उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का पक्षधर हूं, राजद्रोह की कार्रवाई उचित नहीं है। उन्होंने शुक्रवार 14 जून को सुबह ही मामले में हस्तक्षेप कर डीजीपी डीएम अवस्थी और फिर बिजली कंपनी के चेयरमैन शैलेद्र शुक्ला से चर्चा कर ये प्रकरण वापस लेने के निर्देश दिए हैं। अब इसको लेकर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा का ट्वीट भी सामने आया है।
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बता दें कि आईपीसी की धारा 124ए के तहत सरकार विरोधी अफवाह फैलाने पर आजीवन जेल या कम से कम तीन साल की सजा हो सकती है। इस मामले की जानकारी लगते ही सीएम भूपेश बघेल ने आरोप पर से राजद्रोह का मामला हटाने के निर्देश दिए थे। सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करती है।