ब्रह्माकुमारी संस्थान की प्रमुख राजयोगिनी दादी जानकी का देहावसान, पीएम मोदी ने बनाया था स्वच्छता का ब्रांड एम्बेसडर, धर्म सेवा में लगाया संपूर्ण जीवन | Raja Yogini Dadi Janaki, chief of Brahma kumari Institute, died PM Modi created brand ambassador of cleanliness Entire life spent in religious service

ब्रह्माकुमारी संस्थान की प्रमुख राजयोगिनी दादी जानकी का देहावसान, पीएम मोदी ने बनाया था स्वच्छता का ब्रांड एम्बेसडर, धर्म सेवा में लगाया संपूर्ण जीवन

ब्रह्माकुमारी संस्थान की प्रमुख राजयोगिनी दादी जानकी का देहावसान, पीएम मोदी ने बनाया था स्वच्छता का ब्रांड एम्बेसडर, धर्म सेवा में लगाया संपूर्ण जीवन

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:26 PM IST
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Published Date: March 27, 2020 4:16 am IST

नई दिल्ली। ब्रह्माकुमारी संस्थान की प्रमुख राजयोगिनी दादी जानकी ने ईश्वर के धाम प्रस्थान किया है। 104 साल की उम्र में दादी जानकी ने माउण्ट आबू के ग्लोबल हास्पिटल में 27 मार्च को प्रातः 2 बजे अंतिम सांस ली। जानकारी के मुताबिक संस्थान के मुख्यालय शांतिवन में दिन के तकरीबन 4 बजे उनका अंतिम संस्कार होगा। उनके निधन की खबर से देश-विदेश में संस्था के अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई है।

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दादी जानकी ने स्वच्छता को लेकर हमेशा सजग रहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन का उन्हें ब्रांड एम्बेसडर बनाया था। कक्षा चौथी तक पढ़ी दादी जानकी ने ईश्वरीय सेवाओं के लिए पश्चिमी देशों को चुना। 1970 में पहली बार लंदन गईं और 35 वर्षों तक वहीं रहकर सौ से ज्यादा देशों में ईश्वर का संदेश पहुंचाया। वर्ष 2007 में दादी जानकी ने मुख्य प्रशासिका का दायित्व संभाला। ब्रह्माकुमारीज संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि के देहावसान के पश्चात 25 अगस्त, 2007 को ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका का कार्यभार सौंपा गया था।

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दादी जानकी के बारे में कुछ प्रमुख बातें-

1916 में हैदराबाद सिंध प्रांत में जन्म
1970 में पहली बार विदेश सेवा पर निकलीं
2007 में ब्रह्माकुमारीज की मुख्य प्रशासिका बनीं
100 देशों में अकेले पहुंचाया राजयोग का संदेश
140 देशों में संस्थान के सेवाकेंद्र
21 वर्ष की आयु में जुड़ी संस्थान से
12 लाख से अधिक भाई-बहनें जुड़े विद्यालय से
46 हजार बहनों की हैं नायिका
14 वर्ष तक की गुप्त योग-साधना
12 घंटे रोजाना समाज कल्याण में सक्रिय
80% चीजें आज भी याद रहती हैं
अलसुबह ब्रह्यमुहूर्त में 4 बजे से ध्यान मग्न हो जाती हैं
विश्व की सबसे स्थिर मन की महिला का वर्ल्ड रिकॉर्ड है
मात्र चौथी कक्षा तक पढ़ी, 46 हजार बहनों की अलौकिक मां
103 साल की उम्र में एक साल में की 50 हजार किमी की यात्रा

 
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