रायपुर: राजधानी रायपुर मध्य भारत में सोना चांदी तस्करी का बड़ा बाजार बन कर उभर रहा है, उड़ीसा, झारखंड मध्य प्रदेश महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल सहित अन्य प्रदेशों से तस्करी का सोना रायपुर के मार्केट में खपाया जा रहा है। बताया जा रहा है यहां अधिकांश सोना और चांदी पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के रास्ते रायपुर पहुंचता है, जहां से सर्राफा कारोबारियों को बेचा जाता है।
मिली जानकारी के अनुसार अवैध सोने के व्यापार से राजधानी के कई नामचीन बड़े कारोबारी लिप्त हैं, जिनकी जानकारी दुर्ग में पकड़े गए विक्की बैद ने रेवेन्यू ऑफ डायरेक्टरेट डीआरआई को दी है। ऐसे में 2 दर्जन से अधिक सर्राफा कारोबारी डीआरआई की जांच के रडार में हैं, जिन पर कभी भी छापेमारी हो सकती है। राजनांदगांव के मोहिनी ज्वेलर्स के संचालक शांतिलाल बैद के घर पिछले दिनों हुई छापेमारी के बाद डीआरआई की टीम ने शांतिलाल के बेटे विक्की बैद और उनके दो सहयोगी सुशील और गौतम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
खबर यहां तक है कि विक्की के बयान के बाद डीआरआई की टीम ने राजधानी सहित महाराष्ट्र, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में टीमें भेजी हैं, जहां विक्की के पास अवैध सोना लेने वाले कारोबारियों पर छापेमारी की जा सकती है। गौरतलब है कि कर्नाटक की एक प्राचीन मंदिर में सोने और अष्ट धातु के 20 मूर्तियां चोरी हुई थी, जिसके तार भी छत्तीसगढ़ के रायपुर और दुर्ग से जुड़ें थे। हालांकि कर्नाटक पुलिस ने उड़ीसा के तीन चोर दीप्तिमयी मोहंती, पति संतोषदास मोहंती और पिता घनश्याम दास मोहंती को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उनके पास से 1.12 किलो सोना, बेशकीमती पत्थर जिनकी कीमत करीब दो लाख सहित कुल तीन करोड़ रुपए कीमत का सामान उनके गांव चंदशेखरपुर से बरामद था।
बताया जाता है कि इस चोरी में दुर्ग के के सराफा कारोबारी सुभाष संचेती भी शामिल थे। आरोपियों के बयान के बाद सीबीआई ने सुभाष संचेती उर्फ राजा को गिरफ्तार किया था। वहीं, विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो सुभाष राजधानी के बड़े सराफा कारोबारी का करीबी है। कर्नाटक के प्राचीन मंदिर में चोरी हुई 20 प्राचीन मूर्तियों की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 24 सौ करोड़ बताई गई है थी। बताया जा रहा है कि अभी भी सोने और चांदी के साथ बेशकीमती मूर्तियों की तस्करी भी जारी है।