नई किस्मों की मसाला फसलों के लिए कृषि विश्वविद्यालय के रायगढ़ केन्द्र को मिला सम्मान, बना भारत का सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान केन्द्र | Raigad Center of Agricultural University gets the honor for spice crops of new varieties

नई किस्मों की मसाला फसलों के लिए कृषि विश्वविद्यालय के रायगढ़ केन्द्र को मिला सम्मान, बना भारत का सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान केन्द्र

नई किस्मों की मसाला फसलों के लिए कृषि विश्वविद्यालय के रायगढ़ केन्द्र को मिला सम्मान, बना भारत का सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान केन्द्र

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : October 6, 2020/2:19 pm IST

रायगढ़: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, रायगढ़ के मसाला अनुसंधान केन्द्र को वर्ष 2019-20 के लिए भारत के सर्वश्रेष्ठ मसाला अनुसंधान केन्द्र के रूप में सम्मानित किया गया है। रायगढ़ केन्द्र को यह सम्मान हल्दी, अदरक, धनिया, मेथी, अजवाइन आदि मसाला फसलों की नई किस्मों के विकास, फसल सुधार, अनुसंधान एवं विस्तार हेतु दिया गया है। यह केन्द्र प्रदेश के आदिवासी किसानों के उत्थान हेतु उनके खेतों में मसाला फसलों की विभिन्न किस्मों के प्रदर्शन भी आयोजित कर रह है। केन्द्र को यह सम्मान अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना ’मसाला’ की 31वीं वार्षिक कार्यशाला के अवसर पर प्रदान किया गया।

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गौरतलब है कि कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, रायगढ़ में मसाला अनुसंधान के लिए वर्ष 1996 में समन्वित मसाला अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की गई थी तब से इस केन्द्र के माध्यम से मसाला अनुसंधान हेतु अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना का संचालन किया जा रहा है। परियोजना के वैज्ञानिक राज्य के प्रमुख मसाला फसलों जैसे हल्दी, अदरक, धनिया, मेथी, अजवाइन और निगेला पर फसल सुधार और रोग प्रतिरोधकता हेतु अनुसंधान कार्य कर रहे हैं। कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, रायगढ़ के मसाला अनुसंधान केन्द्र द्वारा हल्दी, अदरक, आमी अदरक, मेथी और निगेला में अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परीक्षणों में विभिन्न फसलों की अनेक प्रजातियों का योगदान दिया गया है। केन्द्र द्वारा विकसित धनिया की दो किस्मों सी.जी धनिया-1 को छत्तीसगढ़ राज्य हेतु एवं सी.जी चन्द्रहासिनी धनिया-2 को छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, उत्तराखंड, आंध्रप्रदेश एवं तमिलनाडु राज्यों के लिए वर्ष 2019 में जारी तथा अधिसूचित किया गया है।

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वर्तमान में केन्द्र द्वारा विकसित हल्दी की दो नवीन किस्मों सी.जी. हल्दी-1 एवं सी.जी. हल्दी-2 को छत्तीसगढ़ राज्य किस्म बीज उपसमिति द्वारा जारी करने के लिए पहचान किया गया है। इस नवीन किस्म को राज्यों के लिए अधिसूचित करने का प्रस्ताव सी.वी.आर.सी. नई दिल्ली के समक्ष विचाराधीन है। छत्तीसगढ़ राज्य किस्म बीज उपसमिति द्वारा राज्य हेतु केन्द्र की पहली अजवाइन की किस्म सी.जी. अजवाइन-1 की भी पहचान की गई है। परियोजना के वैज्ञानिक डॉ. ए.के. सिंह एवं डॉ. कांत सवरगांवकर ने हल्दी और अदरक के उत्पादन हेतु कम लागत वाली ‘‘प्रकंद गुणा फसल उत्पादन एवं संरक्षण’’ नामक नवीन तकनीक का विकास किया है जो किसानों के लिए लाभदायी साबित होगी।

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