नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 में मिली करारी हार पर विपक्षी दलों का मंथन लगातार जारी है। वहीं, कांग्रेस ने भी शनिवार को हार की समीक्षा के लिए अपने पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में जहां एक ओर हार की समीक्षा हुई वहीं, दूसरी ओर राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की। बैठक के दौरान राहुल गांधी की पार्टी सीनियर लीडरों पर भड़ास जमकर निकली। राहुल ने अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि पुत्रमोह में कुछ नेताओं ने पार्टी को नजरअंदाज कर पुत्र को जीताने में जुट गए और कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।
राहुल गांधी ने बैठक के दौरान अपनी नारजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिन नेताओं ने अपने पुत्रों को टिकट दिलाया, वे बेटों की टिकट के लिए पूरजोर ताकत लगाए। इसके बाद वे पार्टी को नजरअंदाज कर पुत्रमोह में अपने बेटों को जीताने में जुट गए। इसका पूरा खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा, क्योंकि बड़े नेता एक संसदीय क्षेत्र में सीमित रह गए। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस दौरान किसी भी नेता का नाम नहीं लिया है।
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वहीं, दूसरी ओर राहुल गांधी ने शनिवार को हुए बैठक में अपना इस्तीफा पेश करते हुए कहा था कि अब वक्त आ गया है कि कांग्रेस की कमान गांधी परिवार से बाहर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सौंपी जाए। राहुल की इस बात से कांग्रेस सचिव प्रियंका गांधी और पूर्व वित्त् मंत्री पी चिदंबरम सहमत नहीं थे। प्रियंका ने भाजपा का हवाला देते हुए कहा कि ये भाजपा की चाल है और वे चाहते हैं कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष की पद पर न बनें रहें। इस मसले पर पी चिदंबरम ने भी कहा कि आपके ऐसा करने से कई कार्यकर्ता खुदकुशी कर लेंगे।
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