नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था आजादी के बाद के ‘सबसे बड़े आपातकाल’ का सामना कर रही है। इस संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार को विपक्ष दलों और विशेषज्ञों की मदद लेनी चाहिए।
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शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में फाइनेंस के प्रोफेसर राजन ने आगे कहा कि यदि उचित तरीके तथा प्राथमिकता के साथ काम किया जाए तो भारत के पास ताकत के इतने स्रोत हैं कि वह महामारी से न सिर्फ उबर सकता है। लेकिन हाल के समय में अभी सबसे बड़ चुनौती को एक साथ मिलकर सामना करना होगा। राजन ने ‘हालिया समय में संभवत: भारत की सबसे बड़ी चुनौती’ शीर्षक से एक ब्लॉग पोस्ट में यह टिप्पणी की।
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राजन ने अपने पोस्ट के जरिए कहा कि सारे काम प्रधानमंत्री कार्यालय से नियंत्रित होने से ज्यादा फायदा नहीं होगा। क्योंकि वहां लोगों पर पहले से काम का बोझ ज्यादा है। सरकार को उन लोगों को बुलाना चाहिए जिनके पास अनुभव और क्षमता है। भारत में ऐसे कई लोग हैं जो सरकार को इससे उबरने में मदद कर सकते हैं। सरकार राजनीतिक विभाजन की रेखा को लांघ कर विपक्ष से भी मदद ले सकती है, जिसके पास पिछले वैश्विक वित्तीय संकट से देश को निकालने का अनुभव है।’’
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