नई दिल्ली। दुश्मनों का काल राफेल भारत पहुंच चुका है। भारतीय सीमा पर प्रवेश करते ही राफेल ने पश्चिमी अरब सागर में तैनात भारतीय नौसेना के युद्धपोत INS कोलकाता से संपर्क किया। इस दौरान राफेल का गर्व के साथ INS ने स्वागत किया।
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अंबाला में राफेल की तैनाती के बाद लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) और लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) की सुरक्षा और मजबूत हो जाएगी। फिलहाल तैनाती के 7 दिन के भीतर ही राफेल को एलएसी पर तैनात किया जाना है। इसके साथ-साथ एलओसी पर भी राफेल वहीं से पूरी निगरानी रखेगा। दुश्मनों से चल रही तनातनी के बीच यह फैसला लिया गया है।
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भारतीय राफेल ने पश्चिमी अरब सागर में तैनात भारतीय नौसेना के युद्धपोत INS कोलकाता से संपर्क किया। pic.twitter.com/F07O8oTIRY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 29, 2020
बता दें कि राफेल एयरक्राफ्ट बिना सरहद पार किए दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद करने की क्षमता रखता है। अंबाला से 45 मिनट में बॉर्डर पर राफेल की तैनाती और फिर वहीं से टारगेट लोकेट कर पाकिस्तान और चीन में भारी तबाही का इंतजाम इंडियन एयरफोर्स ने कर लिया है।
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एयर-टू-एयर और एयर-टू-सरफेस मारक क्षमता में सक्षम राफेल की रेंज (एयरबेस से विमान की उड़ान के बाद ऑपरेशन खत्म कर वापस एयरबेस तक लौटने की सीमा) वैसे तो 3700 किलोमीटर बताई जा रही है। एयरफोर्स के अधिकारी ने बताया कि चीन और पाकिस्तान के दुस्साहस का जवाब देने के लिए राफेल इस वक्त इंडियन एयरफोर्स के पास सबसे खतरनाक हथियार है।
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यह भी जानें
– एक बार एयरबेस से उड़ान भरने के बाद राफेल की एक बड़ी खासियत यह भी है कि 100 किलोमीटर के दायरे में राफेल 40 टारगेट एक साथ पकड़ेगा।
– इस विमान की एक बड़ी बात यह भी है कि यह विमान दुश्मन के विमान के रडार को हवा में ही जाम कर सकता है।
– चीन और पाकिस्तान में नहीं ऐसा विमान
– यानी 100 किलोमीटर पहले से ही राफेल के पायलट को मालूम चल जाएगा कि इस दायरे में कोई ऐसा टारगेट है।
– 2200 से 2500 तक किमी प्रतिघंटे की रफ्तार।
– 6 सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को ले जाने में सक्षम
– करीब 37000 किलोमीटर की मारक क्षमता
– 10 घंटे लगातार उड़ान भर सकता है राफेल