नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 में भारी बहुमत से जीत दर्ज करने बाद एनडीए की नविनिर्वाचित सरकार ने राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अंतिम लिखित जवाब दायर किया है। अपने जवाब में एनडीए सरकार ने पुर्नविचार याचिकाओं को निराधार और कमजोर बताते हुए खारिज करने की मांग की है। सीएजी ने केंद्र सरकार के कदम का समर्थन किया है। ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर को राफेल डील मामले में केंद्र सरकार को क्लीन चीट दे दी थी, लेकिन कोर्ट के फैसले का लेकर लगाई गई पुर्नविचार याचिका पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में तीन जजों की पीठ ने इन समीक्षा याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा हुआ है। यह फैसला अब कभी भी आ सकता है।
Read More: YS जगनमोहन रेड्डी ने किया पेश किया सरकार बनाने का दावा, 30 मई को लेंगे शपथ
दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 14 दिसंबर को दिए फैसले पर पुर्नविचार दायर की थी। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि केंद्र सरकार ने दस्तावेजों को छिपाकर कोर्ट को गुमराह किया है, जो एक धोखा है।
Read More: पैतृक ग्राम जैत में रविवार को होगा शिवराज के पिता का अंतिम संस्कार
मामले को लेकर सरकार ने शनिवार को लिखित बहस दायर करे हुए कहा है कि याचिकाएं खारिज की जाएं क्योंकि सौदे में किसी तहर के दखल से वायुसेना की आपरेशनल तैयारी पर असर पड़ सकता है। इससे पहले अटार्नी जरनल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सरकार ने राफेल जेट विमान 2.86 फीसदी कम कीमतों पर खरीदे हैं। केंद्र सरकार ने कहा कि कोर्ट के पूर्व के फैसले में कोई त्रुटि नहीं है।
संभल : अपने ही परिवार के सदस्यों के हाथों मारे…
42 mins agoहरियाणा के नूंह में अवैध खनन की जांच के दौरान…
2 hours agoबुजुर्ग महिला के गले से सोने की चेन लूटी
2 hours ago