बालोद । जिले के ग्राम कोटगांव स्थित क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों की बेहतर सोच व पहल ने स्कूल भवन व परिसर की तस्वीर ही बदल दी है। क्वारंटाइन सेंटर में रहे रहे मजदूरों ने स्कूल की इस कदर साफ- सफाई की है कि पूरा स्कूल जममगाने लगा है। मजदूरों ने यहां की उद्यान में भी नए प्राण फूंक दिए हैं। ग्रामीणों ने स्कूल परिसर में उगे कांटो के पौधे व खरपतवार की कटाई कर बगिया में फूल खिला दिए हैं। पूरा स्कूल परिसर गुलजार हो गया है। क्वारंटाइन मजदूरों के द्वारा किये गये कार्य की प्रशंसा अब ग्रामीण भी कर रहे है।
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यूं तो जिले के कई गांव मे क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, ज्यादातर क्वारंटाइन सेंटर गांव के शासकीय स्कूलों को बनाया गया है। जहां कोरोना के इस संकट काल मे गांव से दीगर राज्य में काम करने गए लोगों को गांव वापसी के बाद ठहराया गया है। जहां मजदूर अपना एक निर्धारित समय बिता रहे हैं, लेकिन जिले के ग्राम कोटगांव स्थित शासकीय हाई स्कूल भवन को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है, जिसमें गांव वापस लौटे कुछ ग्रामीण रूके हुए हैं, इनमें महिलाएं व बच्चे भी सम्मिलित हैं । ये सभी लोग अपना समय स्कूल परिसर, भवन और परिसर के बागवानी को सहेजने में लगा रहे हैं।
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ग्रामीणों ने अपने खाली समय का सदुपयोग करते हुए मैदान के कांटो को साफ कर दिया है। यहां मैदान में फैली गंदगी और धास- फूस को साफ कर दिया है। स्कूल के सूखे पड़े उद्यान को पानी सी सींच कर फिर से हरा भरा कर दिया है। ग्रामीणों के इस प्रयास से स्कूल भवन व परिसर की तस्वीर ही बदल गई है। ग्रामीणों की मानें तो खाली समय में वे आखिर क्या करते, सोचा अपने हि गांव का स्कूल है, गांव के ही बच्चे यहां पढ़ते हैं। ग्रामीणों के इस प्रयास की अन्य गांववाले भी मुक्त कंठ से प्रशंसा कर रहे हैं।