बकरा भात के लिए चंदा न देने की सजा, 8 माह तक अटका रहा महिला शिक्षिका का वेतन, जानिए क्या है पूरा मामला? | Punishment for not giving donation for 'Bakra Bhat', salary of female teacher stuck for 8 months, know what is the whole matter?

बकरा भात के लिए चंदा न देने की सजा, 8 माह तक अटका रहा महिला शिक्षिका का वेतन, जानिए क्या है पूरा मामला?

बकरा भात के लिए चंदा न देने की सजा, 8 माह तक अटका रहा महिला शिक्षिका का वेतन, जानिए क्या है पूरा मामला?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : July 6, 2021/6:04 pm IST

बलौदाबाजार: ‘बकरा भात’ के लिए चंदा नहीं देना एक महिला टीचर को बहुत भारी पड़ गया। महिला टीचर का वेतन 8 माह तक रोक लिया गया। सर्व शिक्षा संघ और सोशल मीडिया के जरिए जब मामला गर्माया तब जाकर वेतन बिल पास किया गया। जानिए क्या है पूरा मामला?

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सरकारी महकमे में पीड़ित की फरियाद की सुनवाई में कितना वक्त लगता है? सरकारी सिस्टम में एक आम आदमी की क्या हैसियत है? इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि एक महिला टीचर रीना ठाकुर का वेतन 8 माह से अटका रहा, लेकिन फिर भी प्रशासन मौन रहा।

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लेकिन सवाल ये है कि आखिर 8 माह से महिला टीचर का वेतन क्यों अटका? जवाब सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। दरअसल शासकीय विद्यालय के प्रिंसिपल और क्लर्क ने जब बकरा-भात के लिए चंदा मांगा तो रीना ने चंदा देने से इनकार कर दिया, बस क्लर्क ने महिला शिक्षिका का वेतन रोक दिया। इसके अलावा महिला टीचर रीना ठाकुर ने प्रिंसिपल और क्लर्क पर अभद्रता और मानसिक प्रताड़ना का आरोप भी लगाया।

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महिला शिक्षिका का आरोप था कि DDO जानबूझकर कर वेतन नहीं बना रहे और गलत जानकारी दे रहे हैं। वेतन रोकने की खबर जब सर्व शिक्षा संघ और सोशल मीडिया के जरिए BEO तक पहुंची तब जाकर BEO ने DDO को तत्काल वेतन बिल पास करने के निर्देश दिए और स्कूल में पदस्थ क्लर्क को निलंबित भी कर दिया गया।

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आखिरकार महिला टीचर का 8 माह से अटका वेतन बिल पास हो गया। रीना ठाकुर ने पूरे मामले को प्रमुखता से दिखाने के IBC24 का आभार जताया। लेकिन सवाल अब भी वही है कि सुस्त सिस्टम के चलते कब तक पीड़ितों के फरियाद की सुनवाई में देरी होती रहेगी।

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