नई दिल्ली। केंद्र सरकार की किसान हितैषी योजना से लाभार्थियों को बड़ा फायदा होने वाला है। किसान और कृषि को लाभ पहुंचाने के लिए 15-15 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। इस राशि को अर्जित करने के लिए किसानों एक कंपनी या किसान उत्पादक संगठन बनाना होगा। संगठन को ही ये राशि दी जाएगी।
पढ़ें- 1 मार्च से होने जा रहे हैं ये 5 बड़े बदलाव, ATM से नहीं निकलेगा 200…
क्या होता है किसान उत्पादक संगठन?
एफपीओ एक किसानों का संगठन होता है। इसमें खेती करने वाले सभी किसान शामिल होते हैं। एएपीओ को एक कंपनी माना जाता है। ये जितनी कमाई करती है उसे सभी किसानों में बराबर बांट दिया जाता है। ये संगठन किसानों को सस्ता कर्ज, बेहतर उपकरण और कई अन्य सॉर्स के जरिए आय बढ़ाने में मदद करते हैं। एफपीओ लघु और सीमांत किसानों का एक समूह होगा, जिससे उससे जुड़े किसानों को न सिर्फ अपनी उपज का बाजार मिलेगा बल्कि खाद, बीज, दवाइयों और कृषि उपकरण आदि खरीदना आसान होगा। सेवाएं सस्ती मिलेंगी और बिचौलियों के मकड़जाल से मुक्ति मिलेगी।
पढ़ें- इन 10 लाख किसानों को नहीं मिलेगी पीएम किसान सम्मान निधि की राशि, जा.
सरकार ने दस हजार नए किसान उत्पादक संगठन बनाने की मंजूरी दे दी है। अगले 5 साल में इस पर 4,496 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका रजिस्ट्रेशन कंपनी एक्ट में ही होगा, इसलिए इसमें वही सारे फायदे मिलेंगे जो एक कंपनी को मिलते हैं। यह संगठन कॉपरेटिव पॉलिटिक्स से बिल्कुल अलग होंगे यानी इन कंपनियों पर कॉपरेटिव एक्ट नहीं लागू होगा।
पढ़ें- 5 साल के पहले नौकरी छोड़ी तो नही देना पड़ेगा पीएफ की राशि पर टैक्स,..
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि वे आज किसान योजना के एक साल पूरे होने के अवसर पर चित्रकूट से देशभर में 10 हजार किसान उत्पादक संगठनों की शुरुआत करेंगे। पीएम के मुताबिक एफपीओ से किसानों को तकनीकी, वित्तीय सहयोग एवं बाजार पहुंच सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
ईपीएफओ ने अक्टूबर में 13.41 लाख नए सदस्य जोड़े
6 hours agoतीन इकाइयों ने सेबी को 28.5 लाख रुपये का भुगतान…
7 hours ago