नरसिंहपुर: क्या आपने कभी प्रेत मेला के बारे में सुना है? नहीं न, चलिए आज हम आपको एक ऐसे ही मेले में लेकर चलते हैं जो नरसिंहपुर जिले में पिछली कई सदियों से लगता चला आ रहा है और देशभर में यह भूत मेला के नाम से प्रसिध्द है। ऐसी मान्यता है कि यहां महज एक झाड़ू एक घागे और तीन खंबे के चक्कर काटने से प्रेत बाधा दूर होती है। भले ही 21 वी सदी में हम चंद्रयान और चांद पर आशियाने को तलाशने में जुटे हुए हैं। लेकिन भारत में आस्था और अंधविश्वास की जड़ें आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में उतनी गहरी है, जिन्हे तोड़ पाना शायद किसी के वश में नहीं है।
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नरसिंहपुर के मारे गांव में लगने वाला आस्था और अंधविश्वास का मेला पूरे देश में प्रसिद्ध है। यहां पर रक्षा सूत्र और 3 खंभों की माया से प्रेत आत्माओं को भगाने का दावा किया जाता है। देशभर से तथाकथित प्रेत बाधाओं से जकड़े लोग छुटकारा पाने आते हैं। साधु संतों की समाधि पर लगने वाले मेले में भूत प्रेत से छुटकारा पाने देशभर के लाखों लोग यहां आते हैं। किसी भी भूत प्रेत बाधाओं के लिए इस समाधि पर बुजुर्ग पुजारी द्वारा झाड़ फूक कर और खंबे के फेरे लगाने के बाद रक्षा सूत्र पीड़ित और अपनी मनोकामना लेकर आने वाले लोगों के गले बांधा जाता है, जिसके बाद पीड़तों का दावा है उनको उनकी हर समस्या से निजात मिलती है।
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यहां के पुजारी गुरुशंकर शरण की मानें तो भूत प्रेत और अन्य बाधाओ को लेकर हम और साइंस के जानकार भी इस तरह के घटनाओं पर किसी भी तरह का भरोसा नहीं करते। लेकिन जिस तरह से लोगों को इस झाड़-फूंक से फायदा मिल रहा है, लोगों की आस्था और उनके भरोसे को देखते हुए यह झूठलाया भी नहीं जा सकता। क्योंकि यहां पर हर आने-जाने वाले पीड़ित ही दावा कर रहे हैं, कि उन्हें इस समाधि पर आकर आराम मिला है। अब यह अंधविश्वास हो या लोगों की आस्था, लेकिन यहां पर हर माथा टेकने वाले भक्तों को उनकी मुरादें पूरी हुई है। उन्हें भूत प्रेत जैसी बाधाओं से छुटकारा मिला है। ऐसे में तो इस बात से भी झूठ लाया नहीं जा सकता कि कहीं ना कहीं भगवान के चमत्कार और लोगों के विश्वास के बीच अंधविश्वास जैसे शब्द का उपयोग करना कहीं ना कहीं जायज नहीं है। यहां पर वर्षों से लोगों को अपनी मुरादे और भूत प्रेत जैसी बाधाओं से आराम मिलता आ रहा है।