रायपुर। 24 बैठकों वाला छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 12 बैठकों में ही समाप्त हो गया..समय से पहले सत्रावसान के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं…नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि विपक्ष हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार था..लेकिन सत्तापक्ष मुद्दों पर चर्चा कराने से पीछे हट गया..इस पर सीएम भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष की गुटबाजी की वजह से बजट सत्र का समय पूर्व अवसान हुआ है..सीएम ने तंज कसा कि बीजेपी के कुछ विधायक नेता प्रतिपक्ष बनना चाहते हैं…ऐसे में सवाल है कि बजट सत्र के दौरान जो घटा..क्या उसका चेप्टर क्लोज हो गया है..या फिर जो लड़ाई सदन में नहीं लड़ी जा सकी..वो सदन के बाहर जारी रहेगी..सवाल ये भी कि..इस बजट सत्र में कौन जीता..कौन हारा..?
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छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र भारी हंगामे के बीच समय से पहले ही समाप्त हो गया…मंगलवार को हंगामे और शोर-शराबे के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.. सत्रावसान के लिए सीएम भूपेश बघेल ने विपक्ष की हठधर्मिता को जिम्मेदार ठहराया..सीएम ने आरोप लगाया कि..बीजेपी के अंतर्विरोध के कारण सत्र समाप्त हुआ..बीजेपी का हर विधायक नेता प्रतिपक्ष बनना चाहता था.. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य बनने के बाद पहली बार छत्तीसगढ़िया लोगों के हितों में काम हो रहा है.. सत्र की समाप्ति पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि हम सदन में हर मुद्दे पर अपनी बात रखने के लिए तैयार थे.. पर सत्तापक्ष मुद्दों पर चर्चा कराने से पीछे हट गया।
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इससे पहले शून्यकाल में बठेना कांड का मुद्दा गूंजा..विपक्ष ने पांच लोगों की संदिग्ध मौत की जांच पर सवाल उठाते हुए काम रोककर चर्चा कराने की मांग की..मांग स्वीकार नहीं माने जाने पर बीजेपी विधायक गर्भगृह में जाकर हंगामा करने लगे..विधायकों को दो बार निलंबित भी किया गया.. हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही भी रोकनी पड़ी.. इस पर बीजेपी विधायकों को दिनभर के लिए निलंबित कर दिया गया.. इसके बाद बीजेपी सदस्यों ने सदन से बाहर निकल कर गांधी प्रतिमा के सामने नारेबाजी की।
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मंगलवार को प्रश्नकाल के माध्यम से नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने जन घोषणापत्र के क्रियान्वयन का मामला उठाया। धरमलाल कौशिक ने पूछा कि आपने कितनी घोषणाएं की थी, उसमें कितनी पूरी हुई और बची हुई घोषणाओं को कब तक पूरा करेंगे.. मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि 36 लक्ष्य निर्धारित करते हुए जनघोषणा पत्र जारी किया गया था..इसमें 14 घोषणाएं पूरी की जा चुकी है 22 घोषणाएं अधूरी है.. इस पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने शराबबंदी की घोषणा का उल्लेख किया तो सत्ता पक्ष के लोग शोर मचाने लगे। बीजेपी सदस्यों ने एक-एक करके बची हुई जनघोषणाएं याद दिलाई। इसको लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
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बहरहाल 24 बैठकों वाला छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 12 बैठकों में ही समाप्त हो गया.. समय से पहले सत्रावसान के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे है.. विपक्ष के आरोपों और सत्ता पक्ष की सफाई के बीच ही बजट सत्र पर पूर्ण विराम लग गया पर..सदन में जिन मुद्दों को लेकर सियासत शुरू हुई..वो आने वाले दिनों में जल्द थमेगी..ऐसा लगता नहीं।
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