रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना सैंपल की जांच के लिए अत्याधुनिक पूल टेस्टिंग की प्रक्रिया अपनाई जाएगी । पूल टेस्टिंग से 5 सैंपल की जांच एक साथ हो सकेगी, इस प्रोसेस से जांच प्रक्रिया में भी तेजी आएगी। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ट्वीट कर इस विषय में जानकारी दी है।
In order to effectively use the extended lockdown period, I have initiated measures to start pool testing, in atleast one of our labs, at the earliest.
This would help us in increasing Covid19 testing by manifolds.
— TS Singh Deo (@TS_SinghDeo) April 15, 2020
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इससे पहले भारत में कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए उत्तर प्रदेश में पूल टेस्टिंग व्यवस्था शुरू की गई है। यूपी इस तकनीक से कोरोना टेस्ट करने वाला देश का पहला राज्य है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने इसे शुरू करने की अनुमति दे दी है। पूल टेस्टिंग तकनीक के तहत एक-एक टेस्टिंग के बजाय एक बार में 8, 10, 16 या 32 नमूने लिए जा सकते हैं। सभी सैंपल को मिक्स कर रिपोर्ट तैयार होती है। अगर रिपोर्ट निगेटिव है तो जांच नहीं होती। पॉजिटिव आने पर हर व्यक्ति का अलग-अलग टेस्ट होता है। यह तकनीक वहां पर काफी कारगर है जहां पर कोरोना संक्रमण की सिर्फ आशंका होती है।
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पूल टेस्टिंग तकनीक में अगर 10 सैम्पल्स को चेक करने पर टेस्ट निगेटिव आते हैं तो माना जाता है कि सभी सैम्पल्स संक्रमण मुक्त हैं। अगर इसमें संक्रमण निकलता है तो इन सैम्पल्स की जांच अलग-अलग करनी पड़ती है। इससे स्क्रीनिंग का काम तेज हो जाता है। इससे पहले जर्मनी व इजराइल में पूल टेस्टिंग से जांच शुरू हो चुकी है।