रायगढ़। शहर में नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज हास्पिटल के नामकरण को लेकर सियासत गरमाई हुई है। सीएम भूपेश बघेल ने रायगढ़ दौरे के दौरान लखीराम अग्रवाल मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का नामकरण गुरु घासीदास के नाम पर करने की घोषणा की। सीएम की घोषणा के बाद मेयर ने अखबारों में बकायदा विज्ञापन के जरिए कॉलेज का नाम बदलने पर आभार भी व्यक्त कर दिया। ऐसे में भाजपा नामकरण पर आपत्ति दर्ज करा रही है। भाजपा का कहना है कि जब कॉलेज का नामकरण पूर्व में किया जा चुका है तो इसे बदला कैसे जा सकता है। शासन को स्पष्ट करना चाहिए कि नामकरण मेडिकल कॉलेज का किया गया है या फिर हॉस्पिटल का।
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बता दें कि रायगढ़ जिले में छह साल पहले मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई। तब इस कॉलेज का नामकरण लखीराम अग्रवाल के नाम पर किया गया था। कॉलेज कैंपस में 500 बिस्तरों के अस्पताल का निर्माण भी किया गया है। दो दिन पहले इस हॉस्पिटल का लोकार्पण सीएम के हाथों किया गया। इस दौरान मंच से सीएम ने कॉलेज का नाम गुरु घासीदास बाबा के नाम पर करने की घोषणा कर दी। भाजपा इस पर ही आपत्ति दर्ज करा रही है। भाजपा का कहना है कि एक ही कॉलेज का दो बार नामकरण कैसे किया जा सकता है। और अगर नामकरण कॉलेज का नहीं बल्कि हॉस्पिटल का हुआ है तो सरकार को इसे स्पष्ट करना चाहिए। कांग्रेस जानबूझकर वैमनस्यता फैलाने का प्रयास कर रही है।
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इधर मामले को तूल पकड़ता देख जिला प्रशासन ने इसमें सफाई दी है। जिला कलेक्टर का कहना है कि नामकरण कॉलेज का नहीं बल्कि मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल का किया गया है। राजधानी रायपुर में जिस तरह मेडिकल कॉलेज का नाम जवाहर लाल नेहरु के नाम पर और हॉस्पिटल का नाम अंबेडकर के नाम पर किया गया है वैसा ही रायगढ़ में भी होगा। इधऱ मामले में कांग्रेस ने भी पलटवार किया है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा नामकरण को मुद्दा बनाकर ओछी राजनीति कर रही है।
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