भोपाल: डेल्टा…ये वहीं वैरिएंट है, जिसे कोरोना की दूसरी लहर में मौत के तांडव के लिए जिम्मेदार माना गया, देखते ही देखते कोरोना संक्रमितों के आंकड़ें आसमान छूते चले गए थे। लेकिन अब कोरोना की कम होती रफ्तार में इस वैरिएंट का नया स्वरूप और बेहद खतरनाक डेल्टा प्लस वैरिएंट ने सबकी नींद उड़ा दी है। विश्व के 85 देशों में तेजी से फैल रहे इस वैरिएंट के मध्यप्रदेश में अब तक सात मरीज मिल चुके हैं। जबकि दो लोगों की असमय मौत भी हो चुकी है। बढ़ते मामलों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर शिवराज सरकार से कई सवाल पूछे हैं।
कोरोना की दूसरी लहर से अभी संभले भी नहीं थे कि अब एक बड़ा खतरा प्रदेश पर मंडराने लगा है। दुनिया का शायद ही ऐसा कोई देश होगा जो कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर गहन चिंता और शोध का विषय न हो। लगातार सामने आते मामलों को लेकर केंद्रीय स्वाथ्य सचिव ने मध्यप्रदेश समेत महाराष्ट्र और केरल को पत्र लिखकर चेताया तो सरकार ने भी अलर्ट जारी कर दिया। सरकार तीसरी लहर के साथ ही डेल्टा प्लस वेरिएंट से जंग की पूरा दावा कर रही है।
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कोरोना के अभी तक जितने भी वेरिएंट आए हैं, डेल्टा वायरस सुपर स्प्रेडर माना जा रहा है। अल्फा वेरिएंट भी काफी संक्रामक है, लेकिन डेल्टा प्लस उससे 60 से 80 गुना अधिक संक्रामक है। मध्यप्रदेश में अब तक डेल्टा प्लस वेरिएंट के सात मरीजों में इस वायरस की पुष्टि हुई है। इसमें दो केस भोपाल के हैं। अशोकनगर और उज्जैन में डेल्टा प्लस वैरिएंट से कुल दो संक्रमितों की मौत भी हो चुकी है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी भी दी है कि तीसरी लहर का कारण डेल्टा प्लस वेरिएंट होगा। देश में अब तक इस वेरिएंट के 50 केस सामने आ चुके हैं। सबसे ज्यादा 21 मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं। तमिलनाडु 9 मामले के साथ दूसरे जबकि 7 केसेस के साथ मध्य प्रदेश तीसरे नंबर पर है। डेल्टा प्लस के बढ़ते मामलों के साथ ही सियासी पारा भी चढ़ने लगा है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर सीएम शिवराज सिंह चौहान से जवाब भी मांगा है। कमलनाथ ने लिखा कि मध्यप्रदेश में कोविड-19 के डेल्टा प्लस वैरिएंट के 7 मामले अब तक सामने आ चुके हैं और दो मरीजों की मौत हो चुकी है। क्या मुख्यमंत्री महोदय बताएंगे कि इस नए वैरिएंट से निपटने की क्या व्यवस्था की गई है? इसके प्रसार को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं? कमलनाथ के ट्वीट के बाद कांग्रेसियों ने सरकार की तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं।
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कोरोना की दूसरी लहर का कहर डेल्टा वेरिएंट के कारण ही बरपा था, वो मंजर भुलाया नहीं जा सकता जब शमशानों में चिताओं की जगह तक कम पड़ गई थी। लिहाजा तीसरी लहर में डेल्टा प्लस को लेकर सरकार को अपनी अधूरी तैयारियों को जल्द पूरा करना होगा। साथ ही लोगों को भी कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा, क्योंकि थोड़ी सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है।
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