नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ के 60वें एपिसोड के जरिए देश की जनता को संबोधित किया। साल के आखिरी एपिसोड में पीएम मोदी ने नागरिकता कानून को लेकर देश के कई राज्यों में हुई हिंसा पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि हमारे देश के युवा अराजकता के खिलाफ हैं। इनसे देश को बहुत उम्मीद है। आज का युग सोशल मीडिया का है। लोग सिस्टम को फॉलो भी करते हैं और अगर सिस्टम सही काम न करे तो बेचैन भी होते हैं और सवाल भी करते हैं।
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मोदी ने आगे कहा कि 2019 को विदाई देने की बेला आ गई है। अब हम एक नए वर्ष की ओर बढ़ रहे हैं, कुछ ही दिनों में हम नए वर्ष में प्रवेश करेंगे। इसमें देश के विकास को गति देने में वे लोग सक्रिय भूमिका निभाएंगे, जिनका जन्म 21वीं सदी में हुआ है।
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश की महिलाओं की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि लोग उत्तर प्रदेश की फूलपुर की महीलाओं द्वारा बनाए चप्पलों को पसंद कर रहे हैं। उन्होंने साबित किया कि अगर साथ मिलकर किसी भी लक्ष्य को पाने का निर्णय किया जाए तो उस लक्ष्य को पाना कठीन नहीं होता। फूलपुर की महिलाओं ने मिलकर काम करने का संकल्प किया। वे चप्पलें बनाती हैं और लोग इन चप्पलों को बहुत पसंद कर रहे हैं। लोकल प्रॉडक्ट को हमें अपनी शान से जोड़ना चाहिए और साथी देशवासियों के लिए समृद्धि लाने की कोशिश करनी चाहिए।
पीएम मोदी ने लोगों से स्थानीय सामान खरीदने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मैंने 15 अगस्त को लालकिले से देशवासियों से एक आग्रह किया था और देशवासियों से स्थानीय सामान खरीदने का आग्रह किया था। आज फिर से मेरा सुझाव है कि क्या हम स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों को प्रोत्साहन दे सकते हैं? क्या उन्हें अपनी खरीदारी में स्थान दे सकते हैं?
उन्होंने कहा कि युवा साथियों की तरह मैं भी सूर्य ग्रहण देखने के लिए उत्सुक था लेकिन अफसोस यह रहा कि दिल्ली के आसमान में बादल थे और वह आनंद नहीं ले पाया। हालांकि टीवी पर सुंदर तस्वीरें देखने को मिलीं। मुझे एक्सपर्ट से संवाद करने का मौका भी मिला। मुझे बताया गया कि चंद्रमा पृथ्वी से काफी दूर होता है और सूर्य को पूरी तरह से ढक नहीं पाता है इसलिए एक अंगूठी के आकार का दृश्य देखने को मिलता है।
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पीएम मोदी ने कहा कि भारत में खगोल विज्ञान का गौरवशाली इतिहास रहा है। आपको पता होगा कि भारत के अलग-अलग स्थानों में जंतर-मंतर हैं। इसका खगोल विज्ञान से गहरा संबंध है। महान वैज्ञानिक आर्यभट्ट के बारे में कौन नहीं जानता। उन्होंने दार्शनिक और गणितीय दोनों तरीकों से बहुत सारी जानकारी दी। भास्कर जैसे उनके शिष्यों ने इसे आगे बढ़ाया।
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मनमोहन एक झलक
3 hours ago