नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉक डाउन के बीच देश के नाम संदेश दे रहे हैं। बता दें कि पीएम मोदी कोरोना संकट के दौरान आज पांचवी बार देश को संबोधित कर रहे हैं। इससे पहले वे चार बार पहले ही देश को संबोधित करते हुए अलग-अलग कई घोषणाएं और कोरोना से बचाव के लिए संदेश दे चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 मार्च को देश के नाम संबोधन में कोरोना वायरस के चलते पैदा हुए हालात और उससे निपटने के प्रयासों को लेकर चर्चा की थी। अपने संबोधन में उन्होंने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाने की बात कही थी। जनता कर्फ्यू की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार 24 मार्च को देश को संबोधित किया। इस दिन उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर देश में 25 मार्च से 14 अप्रैल तक 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी।
वहीं, देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद प्रधानमंत्री ने पहली बार देशवासियों को एक वीडियो संदेश के जरिए संबोधित किया। उन्होंने जनता से पांच अप्रैल को रात के नौ बजे नौ मिनट का समय मांगा। उन्होंने जनता से कहा कि कोरोना योद्धाओं के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए नौ मिनट के लिए अपने घर की लाइटें बुझाकर दीये, मोमबत्ती या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाने का अनुरोध किया था।
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चौथी बार प्रधानमंत्री ने 14 अप्रैल को देश को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि जान है तो जहान है। उन्होंने कहा कि हर नागरिक की जान बचाने के लिए लॉकडाउन और सामाजिक दूरी का पालन करना बहुत जरूरी है। देश के ज्यादातर लोगों ने इस बात को समझा और घरों में रहकर अपना दायित्व निभाया।
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