नई दिल्ली। कच्चे तेल की कीमत में आई भारी गिरावट के बीच सऊदी अरब की तरफ से OPEC+ देशों की बैठक बुलाई गई थी । इस बैठक का मकसद सामूहिक रूप से उत्पादन में कटौती कर कीमत में तेजी लाने का था। हालांकि मेक्सिको की जिद के कारण यह डील फाइनल नहीं हो पाई। डील को लेकर सकारात्मक उम्मीद के बीच कच्चे तेल का भाव इंटरनैशनल मार्केट में 32 डॉलर प्रति बैरल के करीब चल रहा है।
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इस बैठक में जुलाई तक उत्पादन में प्रतिदिन एक करोड़ बैरल की कटौती करने और उसके बाद इस साल के अंत तक प्रतिदिन 80 लाख बैरल कटौती की योजना थी। इस योजना के तहत मैक्सिको को जितनी कटौती करनी है, वह उसके लिए तैयार नहीं है। ओपेक ने शुक्रवार को कहा कि मेक्सिको को छोड़कर प्रमुख तेल उत्पादक देशों ने मई और जून में उत्पादन में प्रतिदिन एक करोड़ बैरल की कटौती करने पर सहमति जताई है।
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वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई वार्ता के बाद ओपेक ने कहा कि उत्पादन में जुलाई से दिसंबर तक 80 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती करने के समझौते पर सहमति मैक्सिको के रुख पर निर्भर करेगी। मैक्सिको ने इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि मांग में आई कमी के कारण इतनी कटौती भी पर्याप्त नहीं होगी।
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वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कच्चे तेल की गिरती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए रूस और सऊदी अरब समझौते के करीब हैं। कोरोना वायरस संकट के बीच तेल की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली है।
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