उत्तरप्रदेश। आगरा में बलात्कार के झूठे मामले में जेल भेज दिए गए विष्णु नामक शख्स 20 साल बाद जेल से निर्दोष निकले हैं। उन्होंने बताया, कि “मुझे दुनिया बदली-बदली सी लग रही है, सरकार से एक ही अनुरोध है कि हमारे लिए कुछ किया जाए। हमारी ज़मीन भी इस केस में बिक गई।”
उत्तर प्रदेश: आगरा में बलात्कार के झूठे मामले में जेल भेज दिए गए विष्णु नामक व्यक्ति 20 बर्ष बाद जेल से निर्दोष निकले हैं।
उन्होंने बताया, “मुझे दुनिया बदली-बदली सी लग रही है, हमारा सरकार से एक ही अनुरोध है कि हमारे लिए कुछ किया जाए। हमारी ज़मीन भी इस केस में बिक गई।” pic.twitter.com/LYmZiXHXv8
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 4, 2021
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एक झूठे केस ने एक आदमी की पूरी जिंदगी बर्बाद कर दी। रेप और एससी/एसटी के झूठे केस में फंसाए गए यूपी के ललितपुर के रहने वाले विष्णु तिवारी के 20 साल जेल में गुजरे। इन 20 सालों में विष्णु ने अपना सबकुछ खो दिया। मां-बाप और दो भाइयों की मौत हो गई। आखिरी बार किसी का चेहरा देखना तक नसीब नहीं हुआ।
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20 साल बाद हाईकोर्ट द्वारा विष्णु तिवारी को रेप और एससी/एसटी एक्ट के मामले में मिली आजीवन कारावास की सजा में निर्दोष साबित करते हुए रिहाई का आदेश दिया गया। इसके बाद विष्णु तिवारी आगरा जेल से रिहा होकर अपने घर ललितपुर पहुंचे। विष्णु ने सरकार से मदद मांगी है। उनका कहना है कि अगर सरकार ने मदद नहीं की तो उन्हें मजबूरन आत्महत्या करनी पड़ेगी।
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विष्णु तिवारी के मुताबिक, पशुओं को लेकर एक विवाद के बाद दूसरे पक्ष ने थाने में शिकायत की थी। थाने में तीन दिन एफआईआर नहीं हुई, तो राजनीतिक दबाव डलवाकर एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करवा दिया गया था। विष्णु कहना है कि वह पढ़े लिखे नहीं थे।
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उन्हें न ही पुलिस जांच के बारे में पता था और न ही वकील के बारे में कुछ पता था। विष्णु को 20 साल तक उस जुर्म की सजा जेल में रहकर गुजारनी पड़ी, जो उसने किया ही नहीं था। हाईकोर्ट ने विष्णु तिवारी को निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया है। इसके साथ ही ऐसे केसों में जल्द सुनवाई करने के भी कड़े निर्देश दिए हैं।