ले-आउट प्लान पास कराने अब नहीं लगानी होगी राजधानी तक दौड़, क्षेत्रीय कार्यालयों में ही होगा निराकरण | Passing the layout plan will no longer have to run till the capital Will be resolved in the regional offices only

ले-आउट प्लान पास कराने अब नहीं लगानी होगी राजधानी तक दौड़, क्षेत्रीय कार्यालयों में ही होगा निराकरण

ले-आउट प्लान पास कराने अब नहीं लगानी होगी राजधानी तक दौड़, क्षेत्रीय कार्यालयों में ही होगा निराकरण

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:56 PM IST
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Published Date: September 25, 2019 10:20 am IST

रायपुर । प्रदेश के दूर-दराज जशपुर, सुकमा, बीजापुर, कोरिया, बलरामपुर-रामानुजगंज जैसे जिले के लोगों को भवनों एवं कालोनियों के लेआउट प्लान पास कराने के लिए अब राजधानी रायपुर तक नहीं आना पड़ेगा। नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से यह कार्य अब आसानी से होंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर ईज आफ डूईंग बिजनेस के तहत राज्य शासन के इस निर्णय से आम लोगों के साथ ही रियल इस्टेट क्षेत्र को बड़ी राहत मिलेगी। इससे यह प्रक्रिया आसान और लोगों के लिए सुविधाजनक होगी। इससे लोगों के समय और धन की बचत होगी।

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नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय द्वारा छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम 1984 के नियम 16 के अंतर्गत प्राप्त आवेदन तथा निवेश क्षेत्र के बाहर के प्रकरणों के निराकरण की प्रक्रिया के संबंध में आवश्यक संशोधन कर इसका सरलीकरण किया गया है। इस संबंध में संचालक नगर तथा ग्राम निवेश छत्तीसगढ़ द्वारा आदेश जारी करते हुए क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देशित किया गया है कि वे छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम के अंतर्गत प्राप्त आवेदन और निवेश क्षेत्र के बाहर स्थित लेआउट प्लान के लिए अभिमत से संबंधित समस्त प्रकरण संचालनालय में ना भेजकर उनका अपने स्तर पर ही निराकरण की कार्यवाही सुनिश्चित करें। इसमें छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम 1984 के नियम 17 के तहत वांच्छित दस्तावेजों का परीक्षण करने तथा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए उनका निराकरण करने को कहा गया है।

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नगर तथा ग्राम निवेश के संचालक द्वारा यह भी निर्देशित किया गया है कि अनुज्ञा जारी करने के पूर्व नियोजन-मापदण्डों के अनुसार प्रकरण का समग्र परीक्षण कर भूमि उपयोग की संगतता और निर्धारित चौड़ाई के पहुंच मार्ग की सुनिश्चितता को विशेष रूप से ध्यान में रखा जाए। साथ ही आस-पास के विकास की गतिविधियों का पूर्व स्वीकृत अभिन्यास से समन्वय करते हुए प्रकरणों का निराकरण किया जाए। उन्होंने निर्देशित किया है कि नवा रायपुर अटल नगर विशेष क्षेत्र की सीमा से 5 किलोमीटर की परिधि के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में स्थित क्षेत्रों के प्रकरण संचालनालय को भेजे जाएंगे। इसके अलावा छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 16 के अंतर्गत वर्तमान भू उपयोग में यदि उसी भू उपयोग की अनुज्ञा चाही जाती है, तो ऐसे प्रकरण को संचालनालय भेजने की आवश्यकता नहीं है।

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