महासमुंद, छत्तीसगढ़। एनजीटी और प्रदेश सरकार के आदेश के बावजूद खेतों में पलारी जलाने की शिकायत मिली है। जिले के ग्राम भुरका, तुमगांव व अछोली के कई एकड़ खेतों में आग लगा दी गई और प्रशासन व कृषि विभाग कुभंकर्णी नींद सोए रहे।
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आदेश के धज्जियां उड़ाते हुए जिले में धड़ल्ले से खेतों में आग लगाई जा रही है। वहीं कृषि विभाग के आला अधिकारी मूक दर्शक बने तमाशा देख रहे हैं। जागरूक किसान इसे शासन-प्रशासन की लापरवाही बता रहे हैं, वही कृषि विभाग के आला अधिकारी इस पूरे मामले मे गोल-मोल जवाब दे रहे हैं ।
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एनजीटी( नेशलन ग्रीन ट्रिब्यूनल ) ने 8 नवबंर 2016 को एक आदेश जारी किया कि फसल कटाई के बाद खेतों में बचे धान व गेंहू के ठुंठ में आग लगाने पर रोक लगाई जाए, ताकि खेतों से पोंषक तत्व समाप्त न हो। ग्रांउड वॉटर लेबल कम न हो एवं पर्यावरण को नुकसान न हो । अगर कोई किसान आग लगाता है तो दो एकड़ तक 2500 रूपये, दो एकड़ से ज्यादा व पांच एकड़ से कम है तो 5000 रूपये एवं पांच एकड़ से ज्यादा है तो 15 हजार रूपये आर्थिक दण्ड का प्रावधान भी किया गया है, पर कृषि विभाग के आला अधिकारियों के लापरवाही के कारण व किसानों में जागरूकता की कमी के चलते ज्यादातर किसान आज भी अपने खेतों में आग लगा रहे है ।
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