इस्लामाबादः छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार की ’गोधन न्याय योजना’ की पूरे देश में तारिफ हो रही है। इस योजना के तहत सरकार गोपालकों से 2 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीद रही है और इसका उपयोग कंपोस्ट खाद बनाने के लिए किया जा रहा है। वहीं, दूसरी को छत्तीसगढ़ सरकार की तरह ही पाकिस्तानी हुकूमत ने गाय के गोबर का सदुपयोग करने का फैसला लिया है। दरअसल पाकिस्तान गाय के गोबर से बसें चलाने की योजना बना रहा है।
दरअसल पाकिस्तान की महिला मंत्री जरतज गुल ने बीते दिनों पाकिस्तानी सदन को संबोधित करते हुए कहा था कि हम जल्द ही गाय के गोबर से बने इंधन से बसों का संचालन शुरू करेंगे। रोजाना हजारों टन गाय का गोबर समुदों में बहा दिया जाता है, लेकिन अब इसका उपयोग इंधन बनाने के लिए किया जाएगा और इससे बसों का संचालन किया जाएगा। कराची में हम करीब 200 बसों को गाय गोबर के गैस ईंधन से चलते देखेंगे। ये प्रयोग दुनिया का सबसे अलग किस्म का प्रयोग होगा।
गौरतलब है कि पिछले साल पाकिस्तान में कहा गया था कि वो 2020 में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर देगा। अब पाकिस्तान करीब करीब इसके लिए तैयार है। बता दें कि दुधारू पशुओं का मल-मूत्र नदियों के जरिए समुद्र तक पहुंच जाता है और पानी का स्त्रोत लगातार गंदा होता जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में हर दिन लगभग 3,200 टन गोबर और मूत्र समुद्र में बहा दिए जाते हैं। यहां तक कि इसे बहाने और साफ-सफाई के लिए भी 50 हजार गैलन से ज्यादा पानी बर्बाद होता है।
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Government will generate energy from cow dung to power buses in Karachi: Zartaj Gul. pic.twitter.com/JcXfLPGgBU
— Naila Inayat (@nailainayat) February 1, 2021