नई दिल्ली । पंचकूला विशेष अदालत ने फरवरी 2007 में समझौता एक्सप्रेस में हुए विस्फोट के मामले में असीमानंद समेत सभी 4 आरोपियों को बरी कर दिया । एनआईए कोर्ट के इस फैसले से पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तान ने समझौता ब्लास्ट के अभियुक्तों की रिहाई पर विरोध जताया है। पाकिस्तान ने अदालत के फैसले पर सवाल उठाते हुए भारत पर पक्षपात का आरोप लगाया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा है कि धमाके के 11 साल बाद भी सभी अभियुक्तों का बरी हो जाना इस बात को साबित करता है कि भारतीय अदालतों की विश्वसनीयता कितनी कम है।
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समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट मामले में सभी चारों आरोपियों को बरी करने पर पाकिस्तान ने भारत के सामने कड़ा विरोध जताया है। पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायुक्त को बुलाकर आरोपियों को बरी करने पर विरोध जताते हुए फैसले पर कड़ी निंदा की। 18 फरवरी 2007 को हरियाणा के पानीपत के पास ट्रेन में हुए इस बम विस्फोट में 68 लोग मारे गए थे, इनमें 43 पाकिस्तानी, 10 भारतीय और 15 अज्ञात लोग थे। 10 पाकिस्तानियों समेत कई लोग घायल भी हुए थे ।
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बता दें कि समझौता एक्सप्रेस में हुए ब्लास्ट मामले में पंचकुला की स्पेशल एनआईए अदालत ने असीमानंद समेत चारों अभियुक्तों को बरी कर दिया है। असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिन्दर चौधरी को अदालत ने बरी किया है। बता दें कि 8 फरवरी 2007 को दिल्ली से पाकिस्तान के लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस में पानीपत के पास बम धमाका हुआ था, जिसमें 68 लोगों की मौत हो गई थी। मामले में असीमनंद समेत चार लोगों का आरोपी बनाया गया था।
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