रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में गठित उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति द्वारा जाति प्रमाण पत्र संबंधी फर्जी प्रमाण पत्रों की जांच और छानबीन कर प्रकरणों के निराकरण की कार्यवाही की जा रही है। माह फरवरी 2019 से अगस्त 2019 तक की विभिन्न तिथियों में समिति द्वारा 213 प्रकरणों में सुनवाई और विचारण उपरांत यथोचित निर्णय लेते हुए 96 प्रकरणों में आदेश पारित किए गए हैं।
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इनमें विभिन्न विभागों के 42 व्यक्तियों के जाति प्रमाण पत्र फर्जी या गलत पाए जाने के फलस्वरूप निरस्त किए गए और 25 व्यक्तियों के जाति प्रमाण पत्र सही पाए गए। 19 व्यक्तियों के प्रकरणों को धारक की मृत्यु हो जाने एवं अन्य कारणों से नस्तीबद्ध किया गया।
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उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति से प्राप्त जानकारी के अनुसार जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के कारण विभागवार निरस्त किए गए प्रकरणों में कृषि विभाग के छह, चिकित्सा शिक्षा विभाग का एक, पशु चिकित्सा विभाग के चार, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के दो, राजस्व विभाग का एक, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के तीन, तकनीकी शिक्षा विभाग के एक, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के दो, जल संसाधन, लोक अभियोजन (गृह विभाग), लोक निर्माण विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, उद्यानिकी, वन, नगरीय प्रशासन, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड, उद्योग विभाग, भारतीय जीवन बीमा निगम और भिलाई स्टील प्लांट के एक-एक प्रकरण निरस्त किए गए। इसी प्रकार स्कूल शिक्षा विभाग के छह, जनप्रतिनिधि के तीन और दो अन्य प्रकरण निरस्त किए गए हैं।
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