रायपुर: राज्यपाल के अभिभाषण के साथ ही छत्तीसगढ़ के बजट सत्र की शुरूआत हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 1 मार्च को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रदेश का बजट पेश करेंगे। कुल 24 प्रस्तावित बैठकों वाले बजट सत्र में तेईस सौ से ज्यादा प्रश्न लगाए गए हैं। हर बार की तरह इस बार भी विपक्ष के पास सरकार को घेरने धान खरीदी, बढ़ते अपराध, अवैध शराब की बिक्री, हाथियों के आतंक और नशे का कारोबार जैसे कई मुद्दे हैं। वहीं सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए कमर कस ली है। राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष के हमले से साफ है ये सत्र काफी हंगामेदार रह सकता है।
राज्यपाल अनुसुइया उइके के अभिभाषण के साथ छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया। 22 फरवरी से 26 मार्च तक चलने वाले इस सत्र में कुल 24 बैठकें होंगी। पहले दिन राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियों और विजन का जिक्र करते हुए सदन को बताया कि सरकार ने अपने कामकाज से सभी वर्गों में नई उम्मीद जगाई है। खास तौर पर कोरोना संकट से निपटने और उसके संक्रमण रोकने की दिशा में बेहतरीन काम किया है। राज्य में रिकॉर्ड 93 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। राज्य सरकार ने किसानों का कर्ज माफ कर ऐतिहासिक कार्य किया है। छत्तीसगढ़ को 11 विशिष्ट पुरस्कारों से केंद्र सरकार ने नवाजा है राज्यपाल ने इसके अलावा सरकार की तमाम उपलब्धियां गिनाई।
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राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष ने सवाल उठाते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि भाषण में सरकार की भविष्य की कार्ययोजना का उल्लेख नहीं है। वहीं, जनता कांग्रेस के धर्मजीत सिंह ने राज्यपाल के पूरे अभिभाषण को नीरस और वास्तविकता से दूर बताया।
पक्ष द्वारा अभिभाषण को नीरस बताए जाने पर संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि जो हमारी अचीवमेंट है अभिभाषण में उसका उल्लेख किया गया है। रविंद्र चौबे ने कहा कि संसदीय मर्यादाओं के तहत राज्यपाल का अभिभाषण हुआ।
बजट सत्र के पहले दिन की कार्रवाई राज्यपाल अनुसुईया उईके के अभिभाषण के बाद मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। इस सत्र के लिए अब तक 2,350 प्रश्नों की सूचना सदस्यों ने दी है। 24 स्थगन प्रस्ताव और 117 ध्यानाकर्षण सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। जाहिर है बजट सत्र शुरू होने से पहले राज्य में धान को लेकर जमकर सियासत हुई। यही वजह है कि पूरा विपक्ष एकजुट होकर सरकार को घेरने की रणनीति बनाने में जुटा है। इसी बजट सत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 1 मार्च को सरकार का बजट पेश करेंगे। विपक्ष के पास इस बार सरकार को घेरने के लिए धान, किसान और शराबबंदी सहित कई मुद्दे हैं। सरकार भी आत्मविश्वास के साथ विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि बजट सत्र में विपक्षी तीर के हमलों पर कैसे पलटवार करेगी सरकार?