जगदलपुर। बस्तर में बोधघाट परियोजना को लेकर तीन दिवसीय परिचर्चा में आदिवासियों के विरोध के स्वर और तेज हो गए हैं। ग्रामीणों ने बैठक में यह फैसला किया है कि सरकार को 1 महीने का वक्त दिया जाएगा, इसके बाद भी अगर बोधघाट परियोजना को हमेशा के लिए बंद करने पर सरकार सहमत नहीं होती है तो सड़कों पर उतर कर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
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दरअसल बारसूर में हितालकुडुम में आयोजित बैठक में 5000 से अधिक की संख्या में ग्रामीण जमा हुए थे, यह सभी 4 जिलों के 19 पंचायतों से आए हुए वे सभी लोग थे जो बारसूर परियोजना से प्रभावित होने वाले हैं, इनमें से 14 पंचायतें ऐसी हैं जो डुबान में आएंगे। जिस जगह पर कार्यक्रम रखा गया था वह भी डूबान क्षेत्र है।
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दंतेश्वरी बोधघाट सुरक्षा समिति के सदस्यों द्वारा आयोजित इस बैठक में सीपीआई एवं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक शामिल हुए लेकिन कांग्रेस से एक भी जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में हिस्सा लेने नहीं पहुंचा।
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