महाराष्ट्र में भी नई शिक्षा नीति का विरोध, इसने कहा- हिंदी नहीं है हमारी मातृभाषा | Opposition to new education policy in Maharashtra, it said - Hindi is not our mother tongue

महाराष्ट्र में भी नई शिक्षा नीति का विरोध, इसने कहा- हिंदी नहीं है हमारी मातृभाषा

महाराष्ट्र में भी नई शिक्षा नीति का विरोध, इसने कहा- हिंदी नहीं है हमारी मातृभाषा

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:43 PM IST
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Published Date: June 3, 2019 2:56 pm IST

मुंबई। नई शिक्षा नीति के तहत हिंदी समेत 3 भाषाओं का प्रस्ताव रखे जाने को लेकर अब महाराष्ट्र में भी विरोध शुरू हो गया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के एक प्रवक्ता का कहना है कि, हिंदी हमारी मातृभाषा नहीं है। मनसे का कहना है कि जबरन उनपर हिंदी भाषा न थोपी जाए।

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति का तमिलनाडु में जमकर विरोध हुआ था। द्रमुक नेता एमके स्टालिन ने इस शिक्षा नीति को लेकर कहा था कि ये देश को बांटने वाला प्रस्ताव है। स्टालिन के मुताबिक प्री-स्कूल से 12वीं कक्षा तक हिंदी पढ़ाए जाने का प्रस्ताव चौंकाने वाला है और यह देश का विभाजन कर देगा। उनका मानना है कि तमिलनाडु में तमिल और अंग्रेजी पढ़ाई जाती है। हिंदी पढ़ाएं जाने को वे कभी स्वीकार नहीं करेंगे।

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बता दे कि नई शिक्षा नीति का मसौदा वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन ने तैयार किया है। इस प्रस्ताव में तीन भाषाओं के फॉर्मूले को पूरे देश में लागू किए जाने की जरूरत है। 1968 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति शुरू होने के बाद ही यह फॉर्मूला अपनाया गया था।

 
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