नई दिल्ली। मोदी सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है। खासकर किसानों के लिए पीएम मोदी ने अलग-अलग योजनाओं की शुरूआत की हैै। बता दें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों की फसल के नुकसान का आंकलन अब सैटेलाइट से किया जाएगा।
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इसके बारे में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि रबी फसल वाले सीजन में कई फसलों को इसमें शामिल किया गया है। इस तकनीक से फसल उपज का सही अनुमान लगाया जा सकेगा। जिससे किसानों को बीमा दावों का भुगतान शीघ्र हो सकेगा वहीं आपको बता दें कि रबी फसल के लिए बीमा कराने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2019 है।
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दरअसल सरकार ने इन प्राकृतिक आपदा में फसलों को नुकसान पहुंचने पर केंद्र सरकार ने किसानों को उसकी भरपाई के लिए फरवरी 2016 में अति महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ की शुरुआत की थी। जिसका अब बीमा कराने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर है।
इस योजना का फायदा लेने के लिए किसान की एक फोटो, आईडी कार्ड, एड्रेस प्रूफ, खेत का खसरा नंबर, खेत में फसल का सबूत होना जरूरी है। वहीं, खरीफ की फसल के लिये 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। PMFBY योजना में कॅमर्शियल और बागवानी फसलों के लिए भी बीमा सुरक्षा प्रदान करती है। इसमें किसानों को 5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है।
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बता दे कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए बुआई के 10 दिन के अंदर किसान को PMFBY का अप्लीकेशन भरनी होगी। बीमा की रकम का लाभ तभी मिलेगा जब आपकी फसल किसी प्राकृतिक आपदा की वजह से ही खराब हुई हो। बुवाई से कटाई के बीच खड़ी फसलों को प्राकृतिक आपदाओं, रोगों व कीटों से हुए नुकसान की भरपाई।
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खड़ी फसलों को स्थानीय आपदाओं, ओलावृष्टि, भू-स्खलन, बादल फटने, आकाशीय बिजली से हुए नुकसान की भरपाई। फसल कटाई के बाद अगले 14 दिन तक खेत में सुखाने के लिए रखी गई फसलों को बेमौसम चक्रवाती बारिश, ओलावृष्टि और आंधी से हुई क्षति की स्थिति में व्यक्तिगत आधार पर क्षति का आकलन कर बीमा कंपनी भरपाई करेगी। प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के कारण फसल की बुवाई न कर पाने पर भी लाभ मिलेगा।
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