जबलपुर: झोलाछाप डॉक्टरों के मामलों को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। फर्जी डॉक्टरों के मामले में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एके मित्तल ने कहा है कि मध्यप्रदेश में अब फर्जी और झोलाछाप डॉक्टर्स पर कोई कार्रवाई होती है, तो उनकी जमानत याचिकाओं पर ट्रायल कोर्ट सुनवाई नहीं करेगी। बल्कि खुद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल की बेंच ऐसी जमानत अर्जियों पर सुनवाई करेगी।
मामले में आज सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई और बताया गया कि अब तक 15 फर्जी डॉक्टर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फर्जी और झोलाछाप डॉक्टर्स पर लगातार कार्रवाई जारी रखने का आदेश देते हुए मामले पर अगली सुनवाई के लिए 13 जुलाई की तारीख तय कर दी है।
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बता दें कि कोरोना संकट काल में भी फर्जी डॉक्टर्स की भरमार और उनके द्वारा बिना डिग्री या इलाज की पैथी बदलकर प्रेक्टिस करने के खिलाफ हाईकोर्ट में ये याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया है कि सिर्फ जबलपुर जिले में ही 2 हजार से ज्यादा फर्जी और झोलाछाप डॉक्टर्स लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन अब तक इस समस्या का समाधान नहीं कर पाया है।