नई दिल्ली। नेपाल को भारत से विवाद बढ़ाना भारी पड़ गया है। ओली अब अपने ही देश में घिर गए हैं। इस्तीफे की मांग के बीच गुरुवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने राष्ट्रपति से मुलाकात की, फिर आपात बैठक बुलाई गई। इस बैठक में नेपाल संसद के मौजूदा बजट सेशन को रद्द करने का फैसला लिया गया। अब शाम को नेपाली पीएम केपी ओली अपने देश की जनता को संबोधित कर बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं।
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पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड लगातार केपी ओली से इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं। ओली ने भारत पर नेपाल सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया था। प्रचंड ने कहा था कि पहले नेपाली पीएम से ये साबित करे कि भारत ने किस तरह उनकी सरकार को अस्थिर किया, कहा कि ऐसे बयान भारत से संबंध बिगाड़ सकते हैं।
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आपको बता दें कि नेपाल में राजनीतिक संकट की शुरुआत तब हुई थी जब नेपाल की ओर से नया नक्शा जारी किया गया। नेपाल ने संसद में नया राजनीतिक नक्शा जारी किया, जिसमें उत्तराखंड के तीन गांवों को अपने देश की ज़मीन बताया गया। इस नक्शे का भारत ने पुरजोर विरोध किया, लेकिन नेपाल बाज नहीं आया और नक्शा जारी कर दिया।
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इसके साथ ही चीन ने नेपाल के गांव को भी अपने कब्जे में ले लिया। कब्जे वाले गांव में 72 परिवार रहते हैं। सबसे बड़ा विवाद इसी से छिड़ गया कि आखिर चीन पर इतनी मेहरबानी क्यों। विपक्ष ने गांव को चीन के कब्जे से छुड़ाने की मांग की। ओली के इस नीतियो को लेकर हमलावर विपक्ष लगातार इस्तीफे की मांग रहा है।
#ATAL_RAAG_धर्मयोद्धा-धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा
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