CAA और NRC के बाद लागू होगा NPR, सरकार कर रही काम, जल्द लगेगी कैबिनेट की मुहर | NPR to apply after CAA and NRC Frome Modi govt

CAA और NRC के बाद लागू होगा NPR, सरकार कर रही काम, जल्द लगेगी कैबिनेट की मुहर

CAA और NRC के बाद लागू होगा NPR, सरकार कर रही काम, जल्द लगेगी कैबिनेट की मुहर

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:53 PM IST
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Published Date: December 21, 2019 8:50 am IST

नई दिल्ली। मोदी सरकार नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) के बाद अब नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर पर काम करना शुरू कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसके लिए कैबिनेट से 3,941 करोड़ रुपये की मांग भी की है। एनपीआर का उद्देश्य देश के सामान्य निवासियों का व्यापक पहचान डेटाबेस बनाना है। इस डेटा में जनसांख्यिंकी के साथ बायोमेट्रिक जानकारी भी होगी।

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देश में इस समय नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) लेकर बवाल मचा हुआ है। इन कानूनों को गैर-बीजेपी शासित राज्य इसका भी विरोध कर रहे हैं और इसमें सबसे आगे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं। CAA और NRC को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वालीं ममता बनर्जी ने तो बंगाल में एनपीआर पर जारी काम को भी रोक दिया है।

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वहीं, अब सरकार एनपीआर लागू करने की ओर बड़ा कदम बढ़ाया है। बता दें कि NPR देश के सभी सामान्य निवासियों का दस्तावेज है और नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है। कोई भी निवासी जो 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में निवास कर रहा है तो उसे NPR में अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होता है। 2010 से सरकार ने देश के नागरिकों की पहचान का डेटाबेस जमा करने के लिए इसकी शुरुआत की। इसे 2016 में सरकार ने जारी किया था।

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