अब पेंशन और मजदूरी के लिए ग्रामीणों को भटकने की जरूरत नहीं, बैंक सखी गांव में ही करेगी भुगतान | sakhi bank yojana, Now sakhi bank will provide services in village area

अब पेंशन और मजदूरी के लिए ग्रामीणों को भटकने की जरूरत नहीं, बैंक सखी गांव में ही करेगी भुगतान

अब पेंशन और मजदूरी के लिए ग्रामीणों को भटकने की जरूरत नहीं, बैंक सखी गांव में ही करेगी भुगतान

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 09:00 PM IST
,
Published Date: August 2, 2019 4:08 pm IST

रायपुर: ग्रामीणों को अब सामाजिक सुरक्षा पेंशन और मजदूरी के लिए बैंक नहीं जाना पड़ेगा। बैंक सखी के माध्यम से यह राशि अब गांव में ही उन्हें मिल जाएगी (sakhi bank yojna)। बैंक सखी ज्यादा बुजुर्ग, दिव्यांग और अक्षम लोगों के घर पहुंच कर उन्हें पेंशन की राशि प्रदान करेंगी। गांव-गांव तक बैंकिग सुविधा पहुंचाने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के अंतर्गत गठित स्वसहायता समूह की महिलाओं को बैंक सखी नियुक्त कर रही है। वर्तमान में प्रदेश में 604 महिलाएं बैंक सखी के रूप में गांवों में सेवाएं दे रही हैं। करीब एक हजार 600 अन्य महिलाओं को भी इसके लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है।

Read More: मौसम विभाग छत्तीसगढ़ के 13 जिलों के लिए जारी किया रेड अलर्ट, सुकमा में पिछले 30 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव (Minister T S Singh Deo) की पहल पर शीघ्र ही पूरे छत्तीसगढ़ में इस सुविधा का विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने सभी पंचायतों में बैंक सखी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। श्री सिंहदेव ने बैंक सखी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इसके काफी उत्साहजनक परिणाम आ रहे हैं और लोग इस सुविधा से बहुत खुश हैं। इससे जहां हितग्राहियों को बिना किसी समस्या के नियमित पेंशन मिल रहा है, वहीं मनरेगा जैसी योजनाओं में मजदूरी का भुगतान भी किया जा सकता है। ग्रामीण महिलाओं को इससे रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि बस्तर में हाट-बाजारों में बैंक सखी की मौजूदगी सुनिश्चित की जाएगी ताकि वहां भी पेंशन और मजदूरी का भुगतान किया जा सके।

Read More: पुलिस महकमे में बड़ी सर्जरी, राज्य पुलिस सेवा के 23 अधिकारियों का तबादला, 4 IPS के प्रभार में फेरबदल

बैंक सखी की नियुक्ति से लोगों को छोटी-छोटी राशियों के लेन-देन के लिए बार-बार बैंक नहीं जाना पड़ेगा। इससे बैंकिंग सुविधाएं घर-घर तक पहुंचेंगी। बैंक आने-जाने में लोगों के लगने वाले धन, श्रम और समय की भी बचत होगी। इससे बैंकों पर दबाव भी कम होगा। ‘आपका बैंक आपके द्वार’ के ध्येय से सरकार औसतन पांच ग्राम पंचायतों के लिए एक बैंक सखी नियुक्त करेगी। बैंक सखी के माध्यम से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आजीविका कार्यों में लगीं स्वसहायता समूह की महिलाएं भी अपना वित्तीय लेन-देन गांव में ही कर सकेंगी।

Read More: संविदा कर्मचारियों को भूपेश सरकार का तोहफा, 1 जुलाई से मिलेगी बढ़ी हुई सैलरी

बैंक सखी एंड्राइड मोबाइल, सिम कॉर्ड और बायोमीट्रिक डिवाइस के साथ गांव-गांव जाकर मोबाइल बैंकिंग यूनिट के रूप में सेवाएं देंगी। बैंक सखी के रूप में कार्यरत महिलाओं को उनकी सेवाओं के एवज में उनके द्वारा लोगों को किए गए भुगतान के अनुसार कमीशन मिलेगा। भुगतान की राशि का आधा प्रतिशत उन्हें कमीशन मिलेगा। एक वित्तीय लेन-देन पर कमीशन की अधिकतम सीमा 15 रूपए निर्धारित है।

Read More: EOW में पदस्थ पुलिसकर्मियों का तबादला, दो डीएसपी, 5 निरीक्षक सहित 13 जवान लाइन अटैच

बस्तर में हाट-बाजारों में रहेंगी बैंक सखी
वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित बस्तर संभाग के चार जिलों दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर के दूरस्थ एवं दुर्गम इलाकों में पहुंच की समस्या के चलते वहां हाट-बाजारों में बैंक सखी की मौजूदगी सुनिश्चित की जाएगी। इन क्षेत्रों में बैंकों की संख्या भी कम है। बैंक सखी की तैनाती से सामाजिक सुरक्षा पेंशन और बैंक खातों के माध्यम से होने वाले मजदूरी भुगतान में तेजी और नियमितता आएगी।

Read More: नशे में धुत स्कूल के चपरासी ने बच्चों को बेरहमी से पीटा, वायरल हुआ वीडियो