जबलपुर । नगर निगम को दो भागों में बांटने की सुगबुगाहट के बीच कांग्रेस ने इसका खाका तैयार कर लिया है। कांग्रेस पार्षद दल ने जबलपुर की भौगोलिक स्थिति के हिसाब से शहर को दो भागों में बांटकर दो नगर निगमों का प्रारूप तैयार किया है। कांग्रेस की इस जल्दबाज़ी और उतावलेपन से भाजपा का जहां भौहें तन गई हैं, वहीं कांग्रेस इसे विकास को गति देने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने वाला बता रही है।
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जबलपुर में दो नगर निगम बनाने का प्रशासनिक स्तर पर भले ही अभी कोई तैयारी नहीं हुई है लेकिन कांग्रेस पार्षदों ने दो कदम आगे बढ़कर इसका शहर को पूर्व और पश्चिम नगर निगमों में भी बांट दिया है। कांग्रेस द्वारा तैयार दो नगर निगमों के नक्शे में पश्चिम में 38 वार्ड और पूर्व में 40 वार्डों का प्रावधान किया है। जबलपुर में दो नगर निगम बनाने के पीछे कांग्रेस की अपनी दलील है, कांग्रेस पार्षद दल की मानें तो नगर निगम का स्वरूप और दायरा छोटा हो तो साफ सफाई सहित विकास के कार्य जल्द पूरे तो होंगे ही साथ ही भ्रष्टाचार पर लगाम भी लगेगी। भाजपा के विरोधी तेवरों पर भी भी कांग्रेसी निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस नेताओं का खुला आरोप है कि दो नगर निगमों के गठन से भाजपा को भ्रष्टाचार का मौका नहीं मिलेगा इसलिए वह इस प्रस्ताव पर हायतौबा मचा रही है।
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इधर शहर को दो भागों में बांटने के कांग्रेस की कोशिशें भाजपा को रास नहीं आ रही हैं। पार्टी नेताओं ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि डूबती नैया बचाने कांग्रेस नेता इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं, क्योंकि यह जगजाहिर है कि कांग्रेस से जनता का मोहभंग हो गया है।
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कांग्रेस की इस जल्दबाज़ी और उतावलेपन से भाजपा का जहां भौहें तन गई है वहीं उसे इसमें साजिश की भी बू आ रही है। शहर को दो नगर निगमों में बांटने का फैसला प्रदेश सरकार के पाले में है। लेकिन इस पर शहर की सियायत जमकर जमकर गर्म हो रही है।