नई दिल्ली: कोविड 19 को लेकर सरकार ने पूरे देश में लॉक डाउन कर दिया है। वहीं, राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। संकट की इस घड़ी से निपटने के लिए देश में महान हस्तियों सहित नेताओं औ जनप्रतिनिधियों ने सरकार की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है। इसी कड़ी में महाराष्ट्र सरकार ने विधायकों, एमएलसी सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों के वेतन और सरकारी कर्मचारियों सहित पेंशनरों की सैलरी में कटौती करने करने का फैसला लिया है। इस संबंध में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने जानकारी दी है। वहीं, तेलंगाना सरकार ने भी ऐसा ही फैसला लिया है।
ग्रेड Aऔर Bअधिकारियों के वेतन में 50% और ग्रेड C के कर्मचारियों के वेतन में 25% की कटौती की जाएगी। ग्रेड D के कर्मचारियों के वेतन में कोई कटौती नहीं होगी: महाराष्ट्र डिप्टी सीएम और राज्य के वित्त मंत्री अजीत पवार । #coronavirus https://t.co/uqoUbhCstE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 31, 2020
अजीत पवार ने मीडिय से बात करते हुए बताया कि महाराष्ट्र डिप्टी सीएम और राज्य के वित्त मंत्री अजीत पवार ने आदेश जारी किया कि सीएम और सभी एमएलए-एमएलसी सहित सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों के जून माह के वेतन में 60% प्रतिशत और ग्रेड ए और बी के अधिकारियों के वेतन में 50% और ग्रेड सी के कर्मचारियों के वेतन में 25% की कटौती की जाएगी। वहीं, उन्होंने गेड डी के कर्मचारियों की सैलरी से कटौती नहीं करने का फैसला लिया है।
For all categories of pensioners there will be a 50% cut. For Class-IV retired employees there will be a 10% cut. For all the PSUs, Institutions that are receiving govt grants employees, like the government employees & retirees, there will be cut in their salaries: Telangana CMO https://t.co/ZpXrepopdo
— ANI (@ANI) March 30, 2020
There will be 60% salary cut for IAS, IPS, IFS and other such central services officers. For all other categories of employees, there will be a 50% salary cut. For Class-IV, outsourcing & contract employees, there will be a 10% salary cut: Telangana Chief Minister’s Office (CMO) https://t.co/ZpXrepopdo
— ANI (@ANI) March 30, 2020
इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रेशेखर राव ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि राज्य के सभी मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों, कर्मचारियों की सैलरी को 75 फ़ीसदी तक काटा जाएगा। जबकि प्रशासनिक अधिकारियों की सैलरी में से 60 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। वहीं, पेंशनरों की सभी श्रेणियों के लिए 50% कटौती होगी। चतुर्थ श्रेणी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए 10% कटौती होगी।