रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राज्य में वनवासियों तथा ग्रामीणों के हित को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इस संबंध में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज यहां बताया कि प्रदेश में अब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वनोपज फूलईमली(बीजरहित) की भी खरीदी की जाएगी। इसे मिलाकर राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या बढ़कर अब 23 तक हो गई है। बीज रहित फूलईमली के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 54 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है।
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वन मंत्री अकबर ने बताया कि यह निर्णय ग्रामीणों तथा वनवासियों को उनके उपज का वाजिब दाम दिलाने में महत्वपूर्ण साबित होगा। प्रदेश के बस्तर अंचल सहित गरियाबंद आदि जिलों में बड़ी तादाद में फूलईमली का संग्रहण वनवासियों तथा ग्रामीणों द्वारा किया जाता है। इसके समर्थन मूूल्य पर खरीदी होने से उन्हें उनकी मेहनत का भरपूर लाभ मिलेगा। वन मंत्री अकबर ने यह भी बताया कि प्रदेश में फूलईमली के संग्रहण का लक्ष्य 20 हजार क्विंटल रखा गया है। इसके लिए संग्राहकों को लगभग 11 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान अनुमानित है। इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य पर संग्रहण होने से प्रदेश के लगभग 5 हजार वनवासी ग्रामीण लाभान्वित होंगे।
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वन मंत्री अकबर ने बताया कि मुख्यमंत्री बघेल की मंशा के अनुरूप प्रदेश में लघु वनोपजों के संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन के माध्यम से वनवासी ग्रामीणों को आजीविका से जोड़ने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में वर्ष 2015 से वर्ष 2018 तक मात्र 7 वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही थी।
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वर्तमान में सरकार द्वारा वनवासी ग्रामीणों के हित को ध्यान में रखते हुए खरीदी जाने वाली लघु वनोपजो की संख्या को बढ़ाकर 22 कर दी गई थी, जिसे अब बढ़ाकर 23 तक कर दी गई है। इसके पहले खरीदी की जाने वाली 22 लघु वनोपजों में साल बीज, हर्रा, ईमली बीज सहित, चिरौंजी गुठली, महुआ बीज, कुसुमी लाख, रंगीनी लाख, काल मेघ, बहेड़ा, नागरमोथा, कुल्लूगोंद, पुवाड़, बेलगुदा, शहद तथा फूल झाड़ू, महुआ फूल (सूखा), जामुन बीज (सूखा), कौंच बीज, धवई फूल (सूखा), करंज बीज, बायबडिंग और आंवला (बीज रहित) की खरीदी की जा रही थी। अब इनमें फूलईमली की भी खरीदी की जाएगी।