कोरिया। छतीसगढ़ सरकार ने अप्रत्यक्ष रूप से नगरीय निकाय चुनाव कराए जाने का निर्णय लिया है जिसके बाद सीधे तौर पर अध्यक्ष का चुनाव लड़ने वाले नेताओं को अब पार्षद का चुनाव लड़ना होगा । बात करें मनेन्द्रगढ़ नगरपालिका की तो 22 वार्डो वाली नगरपालिका परिषद मनेन्द्रगढ़ में वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है और राजकुमार केशरवानी अध्यक्ष हैं । अभी परिषद में सबसे ज्यादा पार्षद भी कांग्रेस के हैं। मुख्यतः कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली इस नगरपालिका में इसके पहले एक बार भाजपा का भी कब्जा रहा है।
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एक बार फिर नगरीय निकाय के चुनाव होने जा रहे है ऐसे में सीधे तौर पर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस व भाजपा के वे नेता जो नगरपालिका अध्यक्ष रह चुके हैं, वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इसमें दो बार नगरपालिका अध्यक्ष रह चुकी कांग्रेस नेत्री श्रीमती प्रभा पटेल के अलावा नगरपालिका अध्यक्ष रह चुके भाजपा नेता धर्मेन्द्र पटवा भी हैं। सीधे तौर पर नगरपालिका अध्यक्ष बने कांग्रेस नेता वर्तमान अध्यक्ष राजकुमार केशरवानी भी पार्षद का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। बारह नम्बर वार्ड से चुनाव लड़ना उनकी प्राथमिकता में है । वे यहाँ से दो हजार नौ में भी पार्षद रह चुके है साथ ही नगरपालिका अध्यक्ष के चुनाव में सबसे ज्यादा मत उन्हें इसी वार्ड से मिले थे। ऐसे में इस वार्ड से उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।
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बात करें दो बार की नगरपालिका अध्यक्ष रह चुकी श्रीमती प्रभा पटेल की तो वह एक बार पार्षदों के सहयोग से तो एक बार सीधे तौर पर अध्यक्ष बन चुकी है। इस बार वह पार्षद का चुनाव लड़कर अध्यक्ष बनने की संभावना तलाश रही है। प्रभा पटेल वर्तमान में कांग्रेस में एआईसीसी की मेम्बर भी है। मनेन्द्रगढ़ के वार्ड नम्बर सोलह से वह चुनाव लड़ सकती है जिसे वह सुरक्षित वार्ड के रूप में देख रही है।
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इधर नगरपालिका अध्यक्ष रह चुके भाजपा के जिला कोषाध्यक्ष धर्मेन्द्र पटवा पहली बार पार्षद का चुनाव लड़ने का मन बना चुके है। उनकी दावेदारी वार्ड नम्बर चौदह से है । पिछले दो चुनाव से इस वार्ड में भाजपा का ही कब्जा है। इन सभी नेताओं का कहना है कि उनकी दावेदारी अपनी जगह है, संघटन उन्हें जिस वार्ड से उम्मीदवार बनाएगा वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं । ऐसे में देखना होगा कि किस वार्ड से इनके नाम पर संघटन की मुहर लगती है और किसे सफलता मिलती है और कौन अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हो पाता है।
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